बेगाने शहर मे अपना सा कोई! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi
Post View 1,995 “अरे करमजली सोती ही रहेगी क्या? इतना काम पड़ा है कौन करेगा?” “आई चाची” कहकर नीता उठने लगी। नीता जब 10 साल की थी, उसके माता-पिता की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। बस तभी से चाची की जली कटी बातें सुनकर नीता बड़ी हो रही थी। नीता घर का … Continue reading बेगाने शहर मे अपना सा कोई! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi
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