बे औलाद बेहतर है – के कामेश्वरी 

Post Views: 5 सुबह से कंचन और उसके बेटे शान के बीच कहा सुनी हो रही थी। शान अपनी जिद पर अड़ा हुआ था कि आप इस घर को मेरे नाम कर दीजिए बस यही एक रट लगाए बैठा था आगे कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं था । हम दोनों तब ही बात करेंगे … Continue reading बे औलाद बेहतर है – के कामेश्वरी