बहुरेंगे दिन – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Post Views: 4 “ आइए माँ ।” बहू की आवाज़ सुन कर जानकी जी अपनी आँखों में बह आए आँसुओं की हल्की सी बूँदाबाँदी को अपनी उँगलियों से पोंछते हुए अपनी चाल तेज कर दी बहू लतिका उनका हाथ पकड़कर चल रही थी। “बहू भीतर बहुत लोग होंगे… सब मेरी घरेलू भाषा समझेंगे भी नहीं … Continue reading बहुरेंगे दिन – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi