बस अब और नहीं – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Post View 1,582 रह -रह कर बिजली चमक रही थी, सर्दी अचानक से बढ़ गई थी, सुप्रिया ने कस कर शाल अपने चारों तरफ लपेट लिया। बाहर जिंदगी अपनी पूरी रफ़्तार से दौड़ रही थी, बस सुप्रिया की ही जिंदगी ठहर गई। पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही पर सुप्रिया किस बात का जश्न मनाये, … Continue reading बस अब और नहीं – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi