बांँसुरीवाले बाबा – मुकुन्द लाल 

Post View 3,233   “अजी सुनती हो!… ड्यूटी पर जाना है, देर हो रही है।… तुम तो सुबह से ही लटक में लाये गये भाई के आगे-पीछे डोलती रहती हो…”   “आ रही हूंँ!… जरा बैजू को सर्ट पहनने में मदद कर रही थी…”   “हांँ! हांँ!… सर्ट ही क्यों?… उसके सिर में तेल डालकर बाल भी संवार … Continue reading बांँसुरीवाले बाबा – मुकुन्द लाल