बांँसुरीवाले बाबा – मुकुन्द लाल
Post View 13,039 “अजी सुनती हो!… ड्यूटी पर जाना है, देर हो रही है।… तुम तो सुबह से ही लटक में लाये गये भाई के आगे-पीछे डोलती रहती हो…” “आ रही हूंँ!… जरा बैजू को सर्ट पहनने में मदद कर रही थी…” “हांँ! हांँ!… सर्ट ही क्यों?… उसके सिर में तेल डालकर बाल भी संवार … Continue reading बांँसुरीवाले बाबा – मुकुन्द लाल
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