बन्धन (भाग 4)- नीलम सौरभ

Post Views: 6 मेरे बाबूजी ने तुरन्त उसे डाँटते हुए कहा था, “ख़बरदार जो ऐसी मनहूस बात मुँह से निकाली तो! अरे हम मर गये हैं क्या..जो तू जहर खाएगी, मासूम बच्चियों को जहर खिलाएगी? वो तो बिटिया, मैं इसलिए पूछ रहा था कि अभी तेरी उम्र ही क्या हुई है, तेरे कितने अरमान होंगे, … Continue reading  बन्धन (भाग 4)- नीलम सौरभ