बन जाती सखी मेरी – सपना चन्द्रा
Post View 283 क्या बात है लाडो!.तू बहन तो मेरी है पर पक्ष हमेशा अपनी भाभी की लेती है। ऐसा क्यूँ बोल..? भैया आप नहीं समझोगे,जब माँ-पिता का साया न हो मायके में तो एक बेटी को कैसा लगता है। जबसे भाभी आई हैं सब बदल गया।माँ, सखी सब उनमें है। आती हूँ तो दिन … Continue reading बन जाती सखी मेरी – सपना चन्द्रा
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