*बहू तो बहू ही रहेगी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 47,987              मालती को कुल दो वर्ष ही तो हुए थे शादीशुदा हुए।बड़े अरमान लिये बाबुल का घर छोड़ खींची चली आयी थी,नीरज के साथ इस बड़े घर मे,जहां उन दोनों के अतिरिक्त बस सासू मां और ननद रूपा ही थे।बड़ी गर्मजोशी से उसका स्वागत हुआ था।उसे लगा था अब वह हिरनी की तरह … Continue reading *बहू तो बहू ही रहेगी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi