*बहू तो बहू ही रहेगी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post Views: 12              मालती को कुल दो वर्ष ही तो हुए थे शादीशुदा हुए।बड़े अरमान लिये बाबुल का घर छोड़ खींची चली आयी थी,नीरज के साथ इस बड़े घर मे,जहां उन दोनों के अतिरिक्त बस सासू मां और ननद रूपा ही थे।बड़ी गर्मजोशी से उसका स्वागत हुआ था।उसे लगा था अब वह हिरनी की तरह … Continue reading *बहू तो बहू ही रहेगी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi