बहू – डाॅ संजु झा

Post Views: 6 अपने एकलौते बेटे की चिन्ता में उमाजी के दिल और दिमाग में शून्यता गहराती जा रही थी।उनका मन इतना उद्वेलित था कि कोई भी काम नहीं कर पा रही थीं।अचानक से फोन की घंटी उनके मन के सन्नाटे को चीरते हुए बज उठती है।घंटी की आवाज सुनकर उनकी बहू रोमा कहती है-” … Continue reading बहू – डाॅ संजु झा