बहू – डाॅ संजु झा

Post View 1,756 अपने एकलौते बेटे की चिन्ता में उमाजी के दिल और दिमाग में शून्यता गहराती जा रही थी।उनका मन इतना उद्वेलित था कि कोई भी काम नहीं कर पा रही थीं।अचानक से फोन की घंटी उनके मन के सन्नाटे को चीरते हुए बज उठती है।घंटी की आवाज सुनकर उनकी बहू रोमा कहती है-” … Continue reading बहू – डाॅ संजु झा