बहु चाहे कितना भी करले बेटी नहीं बन सकती – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi
Post Views: 4 ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और मौलिक है। मेरी खुद की उपज इस कहानी का उद्देश्य ही है समाज मे अपने पन का एहसास हो। वाह भाभी ! आप तो बड़ी सयानी हो गई हो…! रमा अपने मायके आई थी और रात को अपनी भाभी को माँ का पैर दबाते … Continue reading बहु चाहे कितना भी करले बेटी नहीं बन सकती – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi
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