बहु चाहे कितना भी करले बेटी नहीं बन सकती – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi

Post View 2,175 ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और मौलिक है। मेरी खुद की उपज इस कहानी का उद्देश्य ही है समाज मे अपने पन का एहसास हो। वाह भाभी ! आप तो बड़ी सयानी हो गई हो…! रमा अपने मायके आई थी और रात को अपनी भाभी को माँ का पैर दबाते … Continue reading बहु चाहे कितना भी करले बेटी नहीं बन सकती – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi