Post View 292 सौम्या नाम ही नहीं स्वभाव की भी सौम्य थी । उदास सी खिड़की में खड़ी देख रही थी । पार्क में एकत्रित हरे परिधानों में गीत गाती सजी धजी महिलाओं को झूला झूलता देख रही थी पर उसकी जिन्दगी तो बेरंग हो चुकी थी । अच्छी खासी वैवाहिक जिन्दगी चल रही थी … Continue reading बहू बेटी – डा.मधु आंधीवाल
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