बहू। बहू ना हुई-पिंजरे की मैना हो गई – कुमुद मोहन
Post View 2,368 रीना! बहू को अच्छी तरह से समझा दियो मेरे सामने मुंह उधाड़ के खड़ी ना हो जाया करे| बहुओं का खुल्ला सिर मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं” अम्माजी ने अपनी बेटी रीना को कहा जो अपनी नई नवेली भाभी रितु के कमरे में खड़ी थी। अम्मा जी दनदनाती हुई कमरे में चली … Continue reading बहू। बहू ना हुई-पिंजरे की मैना हो गई – कुमुद मोहन
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