“बहू” और “बेटी” सीखना दोनों को है। – रचना कंडवाल

Post Views: 4 कांता जी अपने सात साल के पोते के साथ क्रिकेट खेल रही थी। अंशु कह रहा था दादी आप बॉलिंग करो।”अंशु बेटा दादी तो बुढ़िया है। देखो ज्यादा नहीं दौड़ सकती।” “दादी मैं जोर से नहीं मारूंगा” दादी पोते का मैच चल ही रहा था कि गेट पर आहट‌ हुई।देखा तो अंशु … Continue reading “बहू” और “बेटी” सीखना दोनों को है। – रचना कंडवाल