बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Post View 238 विनय और तनवी एक दूसरे के पूरक थे। क्या मजाल कि बिन अपने पापा की मर्जी के खिलाफ तनवी कोई तिनका भी उठा ले। पर.. वही तनवी आजकल कुछ कुछ बदलने लगी थी। नहीं, यह सोलह बरस वाली उम्र का तकाज़ा नहीं था। बात बस इतनी थी कि 15 साल पहले उसकी … Continue reading बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi