बहन या मुफ़्त की सहायिका – रश्मि प्रकाश 

Post Views: 5   “प्यार के दो शब्दों के लिए तरस गई थी वह। बचपन यूँ ही तानों में गुजर गया और अब जाकर शायद उसकी ज़िन्दगी में प्यार के रस घोलने वाला मिल गया है….आपको क्या लगता है….. चारू की क़िस्मत में भगवान ने कुछ तो अच्छा लिखा ही होगा… है ना!” गुंजन पति … Continue reading बहन या मुफ़्त की सहायिका – रश्मि प्रकाश