Post View 253 रजनी अपनी ताईजी के गले मे हाथ डाले झूल रही थी और बोल रही थी, “सुनो बड़की अम्मा वो गाना सुनाओ न तुम बहुत बढ़िया गाती हो, वो क्या है, अबके बरस भेज…” “नही रे, बहुत काम पड़ा है, इतने दिनों बाद तो तू मेरे पास आई है, वरना, जमाई बाबू … Continue reading बड़की अम्मा- भगवती सक्सेना गौड़
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