बड़ी बहन भी मां ही होती है,,,-सुषमा यादव

दोनों बहनों में पांच वर्ष का अंतर है,, जहां छोटी बहन गोरी,गोल मटोल, चंचल, मस्त अल्हड़, खूब बातूनी और खिलखिला कर हंसने वाली, साथ ही शैतान भी बहुत थी,,, वहीं पर, बड़ी बहन का रंग थोड़ा दबा हुआ सा,, शांत, गंभीर, प्रकृति वाली,,,

बस ख़ामोश भरी निगाहों से सबको ताकती रहती पर बोलती कुछ नहीं,,जब छोटी बहन चार पांच महीने की थी, तभी से सारे

कालोनी के लड़के, लड़कियां, बड़े,छोटे सब उसे लेकर बहुत प्यार करते, अपने घर ले जाते,, सुंदर और गोल मटोल होने के कारण वो सबकी चहेती बन गई,सब उसकी बहुत तारीफ़ करते,, लेकिन बड़ी,के किसी से ना बोलने के कारण और किसी के भी सामने ना आने के कारण सब उससे संकोच वश दूर ही रहते,,, पढ़ाई में भी छोटी हमेशा सर्वोच्च स्थान पर रहती,,,

धीरे धीरे बड़ी बहन कुंठा का शिकार होने लगी, और छोटी से चिढ़ने लगी,,, मैंने देखा कि बात बात पर उसे मारने भी लगी थी,,

बस वो अक्सर मुझसे कहती कि,, मम्मी, इसके समय में आपने

खूब नारियल,मिश्री और सौंफ खाई थी, इसीलिए इसका रंग गोरा है,,मेरे समय में क्यों नहीं खाया,, मैं उसके बालपन पर हंसी, और बोली कि,,तुम्हें कैसे पता,,, आप से आंटी लोग बोलती हैं, हमने सुना है,, नहीं बेटा,ऐसी बात नहीं है,, तुम अपने पापा पर गई हो,वो‌ मुझ पर गई है,बस थोड़ा सा रंग साफ़ है, तुम बहुत मासूम हो, प्यारी हो,, वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप चली गई,



एक दिन मैं किटी पार्टी में गई थी, वापस आ कर देखा,तो सन्न रह गई,, छोटी बेटी के होंठ से हल्का सा खून निकल रहा था और गालों पर चांटों के हल्के से निशान थे,,

मैंने उसे गले से लगा लिया और चिल्ला पड़ी, किसने मारा तुम्हे

पर वो कुछ नहीं बोली,, दीदी का नाम तक नहीं लिया, बोली, मम्मी,हम पलंग से गिर पड़े थे,, मैंने गुस्से से कहा,,बताओ, तुमने क्यों मारा इसे, बड़ी बेटी ने कहा,, ये आपके पास जाने की जिद‌ कर रही थी, इसलिए मारा,,तो इस तरह मारते हैं,,

अब मैंने इसे गंभीरता से लिया और इसका कारण जानना चाहा,, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया और पाया कि, बड़ी बेटी का रवैया

नफ़रत में बदलता जा रहा है,,इस खाई को पाटा नहीं गया तो ये भविष्य में ख़तरनाक रूप इख्तियार कर लेगा,,

,, मैंने बड़ी बेटी को अपने पास अकेले में बुलाया और समझाते हुए कहा कि,,देखो बेटा, रंग रूप से कोई महान नहीं बन जाता,, अपनी योग्यता और कामयाबी से

सब अवगुण ढंक जातें हैं,, मुझे देखो,, मेरी मां तुम्हारी नानी, कितनी खूबसूरत हैं,, कितनी गोरी हैं,, पर मैं अपने पिता पर गई हूं,मेरा कद बहुत छोटा है,, जो बेटियां अपने पापा पर जाती हैं, वो बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं,, मेरी योग्यता और कामयाबी सब देखते हैं,मेरा रंग,कद कोई मायने नहीं रखता, तुम भी इतनी

काबिलियत हासिल करो कि सब तुम्हारे गुणों के कायल हो जावें,

तुम्हारे पापा तुम पर जान छिड़कते हैं,,, तुम्हारी आंखें झील जैसी गहरी है, तुम्हारे होंठ कितने सुन्दर है, सुतवा पतली सी नाक है,, तुम जैसे जैसे बड़ी होती जावोगी, वैसे, वैसे तुम्हारा रंग भी

बदलता जायेगा और चेहरा निखरता जायेगा,,सच मम्मी, खुशी से बेटी का चेहरा चमकने लगा,, हां और नहीं तो क्या,, तुम्हारी बहन की आंखें,नाक, होंठ कहां तुम जैसे हैं, बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं,,,,मेरा फार्मुला काम कर गया,, दोनों में दोस्ती होने लगी,, मैंने भी कुछ घरेलू नुस्खों का प्रयोग करके उसके बालों और चेहरे को निखार दिया,, और जब सब‌ कहने लगे,, तुम तो बहुत सुंदर हो गई हो,तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता,,

कालांतर में दोनों बड़ी होती गई और उच्च शिक्षा ग्रहण करके अपने अपने क्षेत्र में चली गई,,,



परंतु बड़ी बहन हमेशा छोटी बहन की पथप्रदर्शक बनी रही,,उसका मार्गदर्शन करती रही,,उसकी छोटी छोटी गलतियों को सुधारती रही,, और उसका मनोबल बढ़ाती रही,, छोटी बहन  बड़ी बहन से पूछे बगैर एक भी काम नहीं करती,, उससे सलाह लेती, बड़ी भी उसकी सारी समस्याओं का निराकरण करती है और अभी भी करती ही आ रही है,, छोटी को कान्फ्रेंस, सेमीनार में कैसे बोलना है, कैसे मंच संचालन करना है, क्या पहनना है,सब कुछ बड़ी बहन ही तय करती है,, छोटी बहन ने यहां तक कह दिया,, दीदी,जिसको पसंद करेंगी, मैं उसी से शादी करूंगी,,,

,, बड़ी बहन कहती है,,, ये मेरी बड़ी बेटी है,, पापा नहीं हैं तो क्या हुआ,, मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेती हूं, मम्मी, आप इसकी बिल्कुल चिंता ना करें,,,

,,, एक मां को अब और क्या चाहिए,, मेरी सारी चिंता खत्म हो गई है,, मेरी छोटी बेटी कहती है,, दीदी ने मेरा हमेशा साथ दिया,, मेरी हौसला अफजाई किया, जिस कारण मैं आज देश के सबसे बड़े अस्पताल की सफल डाक्टर बन गई हूं,, अपनी दीदी की मैं ताजिंदगी ऋणी रहूंगी, दीदी को हार्दिक धन्यवाद देती हूं,,

दोनों का प्यार देखकर, मैंने कहा,,

हां, बेटा,,,अब मुझे कोई चिंता नहीं है, मैं अब सूकून से रह सकती हूं,अब मुझे चाहे जो भी हो जाये,, क्यों कि छोटी बहन की पूरी जिम्मेदारी बड़ी बहन ने ले ली है,,,,, आखिर,,*****

****बड़ी बहन भी तो मां ही है,,***

मेरी जिंदगी का तो कोई ठिकाना नहीं है,, पता नहीं,कब तक,कब तक, ?????

सुषमा यादव, प्रतापगढ़ उ, प्र

स्वरचित, मौलिक,,,

 

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