बदलते रिश्ते (भाग-4) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

 उर्मि एक दम से खड़े हो जाती है, चलने के लिए। पुजा के पंडाल की सजावट देखते ही बन रही थी,  अपने ही मोहल्ले की पहचान नहीं आ पा रही थी, सड़क के दोनों और चुन्ना बिछा हुआ था,  झालर लगे हुए हैं पुरे पंडाल में,  काफी  रोशनी के इंतजाम किए गए हैं, लाल कारपेट … Continue reading बदलते रिश्ते (भाग-4) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi