बड़ा है तो क्या! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” भाई…आप हद से आगे बढ़ रहें हैं..।” विनय चीखा।    ” अच्छा.. तो तू अब मुझे मेरी हद बताएगा।तूने अपनी ज़बान पर कंट्रोल नहीं किया तो मैं क्यों करूँगा…।” प्रकाश ने तमतमाते हुए कहा।         अपने दोनों बेटों को झगड़ते देख गायत्री जी का कलेजा छलनी हो रहा था।वो धम्म-से सोफ़े पर बैठ गईं और अपने … Continue reading बड़ा है तो क्या! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi