बचपन के गली मुहल्ले वाले दोस्त अपने से लगते हैं…–  सुल्ताना खातून

Post Views: 31 आज जब दुनिया के रंगीनियों से अलग थलग होकर एक घर में कैद हुई हूं, तो दोस्त बड़े याद आते हैं… बचपन के गली मोहल्ले वाले दोस्त… स्कूल के दोस्त…. कॉलेज के दोस्त… ऑफिस के दोस्त। दरअसल दोस्तों की भी कैटेगरी होती है ना! स्कूल गए, गली मुहल्ले की दोस्ती छूटी! कॉलेज … Continue reading बचपन के गली मुहल्ले वाले दोस्त अपने से लगते हैं…–  सुल्ताना खातून