बच्चों को अकेले रहने की आदत ना डालें – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी पापा आप लोगों को आज रात की गाड़ी से ही वापस जाना होगा , क्यों बेटा अभी तीन दिन पहले ही तो हम लोग आए हैं । सोचा था दस पंद्रह दिन रहेंगे तुम्हारे पास । अकेले रहते हो खाना पीना भी ठीक से नहीं मिलता बाहर का खाते हो सोचा था कुछ दिन अपने हाथ का बना खाना खिला दूं ।

और ये घर देखो कैसा बिखरा पड़ा है कोई चीज ठिकाने पर नहीं है उसे भी ठीक-ठाक कर दें फिर चले जाएंगे क्या फर्क पड़ता है चाहे यहां रहे चाहे वहां अब तो पापा भी रिटायर हो गए हैं कोई दिक्कत नहीं है संयोगिता जी बोली।वो सब ठीक है मम्मी खाने वाने की कोई परेशानी हो नहीं है

और रही घर की साफ सफाई तो वो किसी दिन काम वाली बाई से करवा लूंगा आकाश बोला।पर क्यों बेटा आज ही क्यों जाना पड़ेगा।वो क्यों कि मेरे दो दोस्त बैंगलोर से आ रहे हैं यही रहेंगे एक हफ्ते । उनसे कह दो बेटा कि मम्मी पापा आए हुए हैं ,अरे नहीं कह सकता न छुट्टियां मनाने आ रहे हैं यहां आकाश थोड़ा झुंझलाते हुए बोला। ठीक है बेटा चले जाएंगे।

                  आकाश संयोगिता और अशोक जी का बेटा था एक बेटी भी थी जो हैदराबाद में नौकरी करती है। कुछ समय पहले संयोगिता और अशोक जी बेटी के पास हैदराबाद भी रहकर आए थे । बेटी पीजी में रहती थी और उसके रूम में एक  और लड़की रहती थी । वहां पेरेंट्स को रहने में थोड़ी दिक्कत होती है

ज्यादा दिन नहीं रह सकते । अशोक जी जबतक नौकरी पर थे तो ज्यादा कहीं जा नहीं पाते थे लेकिन अब रिटायर हो गए हैं तो संयोगिता से बोलते हैं हमें बच्चों के पास जाना चाहिए देखना चाहिए कि बच्चे कैसे रह रहे हैं नहीं तो वो अकेले रहने के आदी हो जाते हैं तो फिर उनको किसी का आना-जाना अच्छा नहीं लगता ।

इस कहानी को भी पढ़ें: 

माँ का हिस्सा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

इसी लिए बेटी रक्षा के पास गए थे और अब बेटे आकाश के पास आए थे । आकाश भी इंजीनियरिंग करकें नौकरी में था । आकाश ने अपना फ्लैट ले रखा है।और जब बच्चे पढ़ते थे तो छुट्टियों में आ भी जाते थे लेकिन जब से नौकरी कर रहे हैं तब से तो आ ही नहीं पाते हैं।जब भी कहों घर आने को कहते हैं छुट्टी नहीं है। बच्चों की चिंता होती है आजकल समय बड़ा खराब है बच्चों में कुछ ग़लत आदतें लगनें में देर नहीं लगती और अब तो कमा भी रहे हैं हाथ में पैसा है ।

                जब संयोगिता जी ने आकाश को फोन करके कहा कि हम लोग आ रहे हैं तुम्हारे पास पंद्रह दिन को तो आकाश ने तुरंत कहा क्यों, क्यों क्या बेटा तुम नहीं आ पाते तो हम लोग ही आ जा रहे हैं अब तो पापा भी फ्री है नौकरी से  तो सोच रहे हैं कि आ जाए तुम्हारे पास आकाश एकदम से चुप हो गया।

उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोले । क्यों बेटा तुम कुछ बोल नहीं र हे हो संयोगिता जी बोली कुछ परेशानी है क्या। नहीं नहीं परेशानी क्या है आ जाए । लेकिन वहां जाने पर देखा आकाश का व्यवहार कुछ अजीब सा था न ढंग से बात कर रहा था उखड़ा उखड़ा रहता था। कुछ पूछों तो झुंझला कर जवाब देता था ।

संयोगिता जी बड़े मन से खाना बनाती और इंतजार करती आकाश का कि आ जाए तो गरम गरम रोटी सेंक दूं लेकिन वो समय पर खाना ही न खाता जब मां पूछती तो कह देता था रख दो मैं बाद में खा लूंगा।और आफिस से भी देर से आता पूछों तो कहता काम था आफिस में मम्मी पापा के पास तो बैठता ही न था आफिस से आकर दोस्तों के पास चला जाता और देर रात तक आता कभी खाना खाता तो कभी रखा ही रहता। जाता। संयोगिता समझ नहीं पा रही थी कि आकाश ऐसा क्यों कर रहा है ।

             आज संयोगिता जी और अशोक जी खाना खाते हुए बात कर रहे थे कि आकाश का व्यवहार तो बिल्कुल बदला बदला सा है , हमलोग तो उसके लिए ही आए थे लेकिन वो तो हम लोगों के पास बैठ ही नहीं रहा है । अशोक जी बोले बच्चे जब अकेले रहने लग जाते हैं तो उनको किसी का आना-जाना अच्छा नहीं लगता ,उनकी आजादी में खलल पड़ता है ।तो क्या हमलोग कोई और है उसके मां बाप है यही तो, मां बाप के सामने तो वो और भी अपने आपको सहज महसूस नहीं करते वो ऐसा कोई काम हमारे सामने नहीं कर सकते जो अकेले में करते हैं।

             संयोगिता जी ने और अशोक जी ने सोचा था कि कुछ दिन रहकर आकाश को समझाएंगे कि वो ये अजीब सा व्यवहार क्यों कर रहा है लेकिन वो तो हमें ही जाने को कह रहा है। दोनों लोग चिंतित थे । आकाश बाथरूम गया हुआ था और शायद मोबाइल ले जाना भूल गया था नहीं तो मोबाइल के साथ ही बाथरूम जाता है

इस कहानी को भी पढ़ें: 

सजा – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

उसका मोबाइल वहीं टेबल पर रह गया था। तभी आकाश के मोबाइल पर एक मैसेज आया चूंकि फ़ोन अशोक जी जहां बैठे थे वहीं रखा था तो उन्होंने देखा लिया मैसेज , लिखा था अरे आकाश तेरे मम्मी पापा गए कि नहीं हम‌लोगो की ड्रिंक पार्टी नहीं हो पा रही है कुछ बहाना बनाकर उनको वापस भेजों यार ।ये मैसेज अशोक जी ने पढ़ लिया लेकिन आकाश से कुछ नहीं कहा।जब आकाश आफिस चला गया तो संयोगिता और अशोक जी ने आपस में चर्चा  की देखो ये बात है । हम लोग यहां पर आ गए हैं बेटे को बंधन लग रहा है

अकेले रहते हुए बच्चों को आजकल ऐसी आदतें लग जाती है । अपनी मनमानी करने को इसलिए तो हमलोगों को कह रहा है कि जाओ ।तो फिर क्या किया जाए संयोगिता बोली,अब कह रहा है जानें को तो जाना ही पड़ेगा । पता नहीं सच कह रहा है या झूठ कि दोस्त आ रहे हैं। अभी तो चलो वापस बाद में आकाश से इस विषय पर बात करेंगे।

                वापस आने के एक हफ्ते बाद अशोक जी ने आकाश को फोन किया और दोस्त चले गए तुम्हारे वो थोड़ा सकपका गया , हां हां चले गए । बेटा तुम झूठ बोल रहे हो किसी दोस्त  वोस्त को नहीं आना था। तुम्हें हम लोगों से परेशानी हो रही थी बन्धन लग रहा था तुम वो काम नहीं कर पा रहे थे जो दोस्तों के साथ करते हो ,

कौन सा काम पापा अरे पीने पिलाने का तुम क्या समझते हो मुझे मालूम नहीं है ,बाप हूं तुम्हारा । बेटा तुमने ये अच्छी आदत नहीं डाली है । अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हो ,और पैसे की भी बर्बादी हो रही है। आकाश सुनता रहा कुछ न बोला। बेटा इन सबसे दूर रहो अच्छी आदतें नहीं है ये , ऐसे दोस्तों से दूर रहो सुन रहे हो कि नहीं , हां पापा सुन रहा हूं ।अब आगे से ऐसा कुछ नहीं करोगे प्रामिस करो । अभी शादी ब्याह करना है कितना गलत मैसेज जाता है लोगों के पास। छुट्टी लेकर कुछ दिन के लिए घर आओ ।

                  दीवाली आने वाली थी तो आकाश घर आया । संयोगिता और अशोक जी ने बैठकर खूब समझाया। कुछ दिनों बाद फिर अशोक जी ने पूछा बेटा मेरे कहे पर अमल कर रहे हो कि नहीं हां पापा कर रहा हूं ।बस कभी कभार ना ना बिल्कुल नहीं देखो अब तुम्हारी शादी हो गई है और एक नन्ही सी गुड़िया के तुम पिता भी बन गए हो अब अपने परिवार पर ध्यान दो ।

             आकाश ने मां पापा के बातों को माना और अब खुशी खुशी सब लोग परिवार में रह रहे हैं । संयोगिता जी कभी आकाश के पास और कभी अपने घर पर रहते हैं ।

         पाठकों जब बच्चे अकेले रहने लग जाते हैं तो इस तरह की आदतें लग जाती है ।  इसलिए उनको बिल्कुल अकेला न छोड़िये उनके पास आते जाते रहिए किसी की दखलंदाजी पसंद नहीं आती । वो क्या कर रहे हैं कैसे दोस्त हैं इन सबकी भी थोड़ी बहुत जानकारी रखनी चाहिए । आखिर बच्चे हैं आपके ।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

3 जनवरी

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!