बबूल का पेड़  –  कल्पना मिश्रा

Post Views: 140 “चुप रह बुड्ढी। कोई काम धाम है नही, बस बैठे-बैठे ताका करती है कि कौन क्या खा रहा ,क्या कर रहा और कहाँ जा रहा है।” बहू ने चिल्लाते हुए कहा तो वह सन्न रह गई। कभी उसका कितना रुआब हुआ करता था। घर के सब सदस्य उसकी आँख के एक इशारे … Continue reading  बबूल का पेड़  –  कल्पना मिश्रा