बाबुल का आंगन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

Post Views: 6 “आज तक कौन सा सुख पाया मेरी बेटी ने… अपने बाबुल के घर में… जो उसे यहां की याद आएगी… क्यों आएगी…!” बोलकर रविंद्र जी एक ठंडी आह भरकर बिस्तर पर लेट गए…  पूरे एक साल हो गए थे वसुधा के ब्याह को… मगर इन एक सालों में कभी घूम कर वह … Continue reading बाबुल का आंगन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi