बाबू का फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Post Views: 17    बाबू गर ये चार महीने की बच्ची न होती ना,कसम भगवान की आज तुम मुझे जिंदा न देखते।वैसे भी मैं तो अंदर से मर ही गयी हूँ।       ऐसा क्यों बोल रही हो शब्बो?बताओ तो हुआ क्या है? किसी ने कुछ कहा है?          खेती मजदूर बाबू अपनी पत्नी शब्बो और पिता धीरू के … Continue reading बाबू का फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi