“बाबा,आपको बेसहारा कैसे कर दूं!” – अमिता कुचया

Post View 14,442 रजनी आज सुबह ही बाबा के कमरे में झाड़ू लगा रही थी ।तभी उसने देखा कि बाबा के चश्मे से ग्लासेस टूट चुके हैं।तब उसने सोचा, चलो जब बाबा उठेंगे ,तब उनसे बात करुंगी और वह दूसरे काम में लग गई। बाबा को डर था कहीं रजनी बहू को पता न चल … Continue reading “बाबा,आपको बेसहारा कैसे कर दूं!” – अमिता कुचया