बात एक रात की – स्नेह ज्योति

Post View 954 घनी बरसात की रात थी,बस की धीमी रफ़्तार थी,ड्राइवर भी बेहाल था बारिश में मुसाफ़िरों को सही पहुँचाना जान जोखिम का काम था।धीरें-धीरें यात्री अपनी मंजिल पे उतरने लगे..…अचानक मेरी नज़र पीछे बैठी महिला पे पड़ी जो सोच में डूबी बेचैन दिखी,शायद घर जाने का सोच रही थी,अगले ही पल बस ख़राब … Continue reading बात एक रात की – स्नेह ज्योति