आवारागर्दी – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi

Post Views: 9 राखी बहुत गुस्से में थी ।वो लगातार अपने दोस्त महेश को डांटते जा रही थी। सुधर जाओ वरना एक दिन बहुत पछताओगे। महेश ने ढिठाई से हंसते हुए कहा_ अरे यार क्यों अपना खून जला रही हो ।मैं बिगड़ा ही कब था जो सुधर जाऊं। तो ठीक है तो जाओ जो मर्जी … Continue reading आवारागर्दी – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi