अशांति – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 सुवर्णा मां बनने वाली है जब से टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद लेडी डॉक्टर  शुभ्रा बनर्जी  ने कन्फर्म किया, सुवर्णा अंदर से सिहर सी गई.. धीरे धीरे #अशांति #भय और घबराहट परछाई की तरह उसे घेरने लगी . सामान्य सी बात पर भी सुवर्णा अशांत हो जाती… पति  सुजीत के साथ मात्र दो महीने रह … Read more

कलंक – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

मायके की दहलीज पर कदम रखते हीं बचपन अठखेलियां  करने लगता है.. आस पड़ोस की बुआ चाची स्कूल कॉलेज की सखियां शिक्षक शिक्षिकाओं  के चेहरे आंखों के सामने घूमने लगते हैं..         सब की खैरियत पूछने के क्रम में मैने लाली चाची का जिक्र किया.. मां उदास होकर बोली लाली नही रही… ओह..                        मुहल्ले के बेहद … Read more

मेरा अधूरा प्यार – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

जब भी सावन का महीना आता है जाने क्यों गौरी तुम्हारी यादें तुम्हारी बातें और तुम्हारा वो पूरे अधिकार से मुझे आदेश देना दीपक तुम्हे आईईएस (इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस)निकालना हीं होगा.. स्मृतियों के बंद झरोखों से पछुआ हवा सा  आस पास मंडराने लगते हैं.. और उस रोज शाम के समय अस्सी घाट की सीढ़ियों पर … Read more

मतभेद, – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

एक सप्ताह के लिए ऑफिस के काम से अपने शहर में अर्थात मायके जाने का मौका मिला है.. मां के साथ कुछ खूबसूरत सकूं भरे पल बीतेंगे सोच कर कितना अच्छा लग रहा है…                     जानी पहचानी सी सड़क और आड़ी तिरछी गलियों से होकर पहुंच हीं गई अपनी मां के पास…शुभाआ मां गले से लग … Read more

सीमा रेखा – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

विशाल के सीने से लगी सिया फूट फूट कर रो रही थी और बार बार मुझे माफ कर दो की रट लगाए जा रही थी… नाम के अनुसार हीं विशाल!विशाल हृदय का स्वामी भी था.. लगभग पैंतालिस साल की उम्र लंबा खूबसूरत ब्यक्तित्व के धनी धीर गंभीर विशाल की शादी सिया के साथ सत्रह साल … Read more

छोटी छोटी बातों में खुशियों को …… – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

दृश्य एक मेरे घर के एक किरायेदार.. पांच बच्चे और माता पिता को मिलाकर सात लोगों का परिवार.. अपना गांव घर छोड़ कर शहर में अपने परिवार को लेकर रहने वाला गृह स्वामी.. रोड के किनारे चौकी पर कपड़े बेचकर गुजर बसर करने वाला.. शाम तक की कमाई में पुलिस को हिस्सा देकर बचे पैसों … Read more

कड़वाहट – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज न जाने क्यों मन विगत जिंदगी के पन्ने बार बार पलट रहा है… मैं संगीता पचासवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी हूं… बेटी दामाद बेटा बहु सब अपनी जिंदगी में मस्त और व्यस्त हैं… और मै गुलमोहर की तरह हूं शायद इसी लिए मुझे गुलमोहर और पलाश बहुत पसंद हैं… मेरी ओर रजत की … Read more

कीमत – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठी कविता के गालों पर आसुओं के निशान बदहवास चेहरा और आंखों में गहरी वेदना लिए अपनी किस्मत को कोस रही थी.. बीस साल पहले रजत से उसकी शादी हुई थी.. रिश्तेदार के नाम पर बड़ी दीदी और जीजा जी और उनके दो बच्चे छः साल की … Read more

पूतों वाली अभागन अम्माजी – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

शिव पार्वती कॉलोनी शहर का सबसे आबादी वाली कॉलोनी है.. पर यहां के रहने वालों पर अभी तक आधुनिक सभ्यता का रंग बहुत गहरा नही चढ़ा है.. एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होना अभी तक लोगों ने नही छोड़ा है.. इसी में लगभग चालीस साल पहले अम्माजी अपने तीन बेटे और एक बेटी … Read more

मनमुटाव – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 केशव और मैं आज अजनवी से एक दूसरे से व्यवहार कर रहे हैं… कहां गया हमारा प्यार…एक दूसरे से किए वादे… ओह छोटी छोटी बातें #मनमुटाव #का ऐसा रूप ले लेगी सोचा न था…. शादी के तीन साल कैसे गुजर गए पता हीं नहीं चला… कॉलेज के टाइम से हीं हम दोनो एक दूसरे को … Read more

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