सवा सेर – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल।” खिड़की से आती सफाई विभाग की गाड़ी की आवाज सुनते ही शांतिदेवी ने अपनी बहू शुभी को आवाज लगाई- “शुभी! ओ शुभी! कचरेवाली गाड़ी आ गई है। जा बेटा, कचरा फेंक आ। शुभी! ओ शुभी!” “लेकिन शुभी का कोई आता-पता नहीं … Read more

पछतावे के ऑंसू – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

स्नेहा जैसे ही तैयार होकर ब्रेकफास्ट टेबल पर पहुॅंची।वहाॅं अंशुल को ना देख उसने रामू काका से पूछा “काका,अंशुल ने ब्रेकफास्ट कर लिया।” “नहीं बिटिया, अंशुल बाबा तो अब तक उठे ही नहीं है।” “क्या! अब तक नहीं उठा। 9:00 बज रहे हैं। 10:00 बजे तो उसकी कोचिंग है। हद होती है, लापरवाही की। दिल्ली … Read more

‘थैंक्यू भाभी माॅं’ – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अनु, एक पढ़ी-लिखी, सुलझे विचारों वाली खुशमिजाज महिला थी। खुश रहना और दूसरों को खुशियाँ बांटना उसका स्वभाव था। किंतु, आजकल कुछ समय से वह अपने अंदर कुछ उदासी, कुछ खालीपन महसूस कर रही थी। वह चाहकर भी खुश नहीं रह पा रही थी, मन सदा अशांत सा रहता। ऐसा नहीं था कि उसे कोई … Read more

सम्मान-श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जितनी तेजी से ट्रेन पटरियों पर दौड़ी जा रही थी उतनी ही तेजी से सपना भी अपने यादों में खोई जा रही थी। आज से दो साल पहले, जब वह हाथों में ट्रॉफी लिए दौड़े-दौड़े घर पहुँची थी- “माँ, पापा, भैया, भाभी कहाँ हो आप सब? देखो मुझे क्या मिला है।” सपना खुशी से चिल्ला … Read more

उड़ान – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मुंबई की ऊॅंची चमकदार बिल्डिंग में रहने वाली नीलिमा की जिंदगी बाहर से एकदम परफेक्ट लगती थी। एक बड़े बिजनेस टाइकून की वाइफ, दो प्यारे-प्यारे बच्चे और लग्जरी लाइफ। लेकिन, अंदर ही अंदर वह अपने अधूरे पड़े सपनों की कसक लेकर जी रही थी। नीलिमा एक बेहतरीन फैशन डिजाइनर थी। शादी से पहले उसने कई … Read more

मिठास – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसे ही नीति छत से कपड़े सुखाकर आई उसने देखा कि डाइनिंग टेबल पर रसमलाई का एक बड़ा सा डिब्बा रखा है।रसमलाई के डिब्बे को देखते ही उसकी आंखें चमक उठी।रसमलाई उसकी कमजोरी थी। उसका बस चलता तो अभी डब्बे को खोल रसमलाई पर टूट पड़ती लेकिन नई-नई शादी के संकोच ने उसके हाथ रोक … Read more

झिलमिला उठे खुशियों के दीप – श्वेता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“भाइयों और बहनों, आज रात बारह बजे से संपूर्ण देश में संपूर्ण लॉक डाउन होने जा रहा है | आज रात बारह बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है |” देश के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबोधन के साथ ही पूरे देश में लॉक डाउन … Read more

सिंदूर की आभा – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जानकी जैसे ही सिंदूर खेला खेल कर  आई, राम ने पीछे से उसे पकड़ लिया, जानकी शरमा कर बोली, “ये क्या कर रहे हैं, छोड़िए!” “छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा है।” राम मुस्कुरा कर बोला।  यह सुनते ही जानकी के चेहरे की सिंदूरी आभा शर्म की लाली से मिलकर और भी सुनहरी हो गई। “प्लीज, … Read more

खुद का संडे – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीलांश कई दिनों से देख रहा था कि निली काफी उदास और गुमसुम सी होती जा रही है।बस मशीन की तरह अपना काम निपटाती रहती है।ना हँसना न खिलखिलाना। माँ-पापा की चाय, बिट्टू-पिंकी की पढ़ाई, लंच-डिनर, उसका टिफिन, घर की साफ-सफाई सब काम बिल्कुल परफेक्ट, समय पर लेकिन खुद बिल्कुल बुझी-बुझी सी। जब भी नीलांश … Read more

महकते रिश्ते – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रूप और गुण की खान थी नीति, जो भी उससे मिलता उसकी प्रशंसा किये बिना नहीं रह पाता| उसके इन्हीं गुणों पर रीझ कर प्रियांशु ने उसे अपनी जीवन-संगिनी के रूप में चुना था| लेकिन, नीति के यही गुण उसकी सास शीला के गले में फांस की तरह चुभ रहे थे| उनको ये बात बिलकुल … Read more

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