डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -67)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi
सीढ़ियों पर पांव रख कर अंदर आने वाला वह व्यक्ति दर असल हमारे घर का बहुत पुराना नौकर ‘धानी’ था। जिसकी छवि धूमिल तो हो गई थी। अभी मेरे मन में थोड़ी बहुत अंकित थी। इतने बर्षों बाद भी उसके शक्ल-सूरत में कोई विशेष फर्क नहीं आया था। उसके साथ एक आदमी और था। जिसने … Read more