कलंक – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अनजाने में ही व्यक्ति के हाथों कुछ ऐसी घटना  हो जाती है,जिसका कलंक उसके सिर से ताउम्र नहीं मिटता है।सुनील सिंह के हाथों बचपन में ऐसी  ही घटना अनजाने में घटित हो गई थी और उस घटना का कलंक जब-तब उनके जीवन को काली स्याही से रंग देता है। आज भी सुनील सिंह जब … Read more

मतभेद – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

हर रिश्ते में मतभेद और गलफहमियाँ होती हैं।कुछ लोग बीच में पड़कर उस मतभेद को बढ़ावा देते हैं,परन्तु अगर थोड़ी सूझ-बूझ से काम लिया जाएँ,तो मतभेद को दूर कर सम्बन्ध को फिर से सँवारा जा सकता है। मीता और नीता जुड़वा बहनों में बचपन से ही मतभेद रहा है।थीं तो दोनों जुड़वाँ,परन्तु दोनों एक-दूसरे के … Read more

कीमत – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रीना ने जब से विनोद के दिल का दौरा पड़ने की बात  सुनी है,तबसे अजीब कश्मकश में है।दिल कहता है -“रीना! कभी तो उस व्यक्ति के साथ तुम्हारा प्यार का रिश्ता था,तलाक हो जाने से क्या इंसानियत मर जाती है!” परन्तु पल भर में ही दिमाग  उसपर  हावी होकर  जाने से मना करता है।  उसके … Read more

अभागन – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

अंजना अपनी ननद के  गृहप्रवेश    का बेसब्री से इंतजार कर रही थी ,क्योंकि उसकी ननद ने उसके साथ ही बाजार जाकर काफी खरीदारी की थी। उसने भी ननद के पूरे परिवार के लिए उपहार लेकर रखे थे,भाई नहीं हैं तो क्या!बड़ी भाभी होने के नाते उसका भी कुछ फर्ज बनता था, परन्तु आज गृहप्रवेश के … Read more

गाजर-मूली समझना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

राखी  को  जितना अपने रुप और पैसे का  घमंड था ,उसके पति राजीव उतने ही सरल और विनम्र स्वभाव के थे।राखी अपने समक्ष हर किसी को गाजर-मूली के समान तुच्छ  समझती थी,चाहे वो परिवार के सदस्य हों, सहेलियाँ हों या नौकर -चाकर! उसके घमंडी स्वभावके कारण उसके पड़ोसी या दोस्त सभी उससे खिंचे-खिंचे से रहते … Read more

टूटते रिश्ते – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

इंसान की जिंदगी में प्यार का एहसास  जितना ही खुबसूरत होता है,इसके विपरीत  टूटे हुए  रिश्ते का दर्द  उतना ही कष्टप्रद और दुखदायी होता है।टूटे हुए  रिश्ते के जख्म ताउम्र नहीं भरते हैं,भले ही वक्त उस पर धूल की चादरें क्यों न चढ़ा दे! अतीत  के दुखदायी लम्हें व्यक्ति के दिल के कोने में ज्यों … Read more

गला काटना – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आँखें बंद कर बिस्तर पर औंधी लेटी शीला बहुत देर तक सोचती रही।आज की आँखों देखी घटना से वह हतप्रभ थी।उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी छोटी बहन मीना को दोषी माने या अपने पति अनिल को!जिस पति पर वह आँख मूँदकर भरोसा करती थी, जिस बहन को अपनी जान से ज्यादा … Read more

गुरुर – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आजकल के समय में केवल बेटे ही नहीं बेटियाँ भी माता-पिता की गरुर होती हैं।राम प्रसाद जी की तीन बेटियाँ थीं।तीन बेटियों के बाद उन्होंने बेटे की आस छोड़ दी।हाँ! उनकी पत्नी सीमा जी के मन में जरुर बेटे की तड़प बनी हुई थी।गाहे-बगाहे अपने मन की इच्छा पति से व्यक्त करते हुए कहतीं -” … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

मातृ-दिवस के अवसर पर साहिल की आँखों से झर-झर आँसू गिर रहें हैं। साहिल अपने माता-पिता की तस्वीर को सीने से लगाए कोरोना महामारी की भयावह त्रासदी को याद कर रहा है। पूरे विश्व में अप्रत्याशित रुप से कोरोना महामारी फैल चुकी थी।विश्व  भर में इस तरह की महामारी के बारे में कोई आशंका नहीं … Read more

रिश्तों की डोरी टूटे ना – डाॅक्टर संजु झा Moral Stories in Hindi

पति-पत्नी के मिलन और सहयोग से जिन्दगी रुपी गाड़ी सुचारु रुप से चलती है।पति -पत्नी का रिश्ता प्रेम और विश्वास का होता है।इस रिश्ते की डोर काफी मजबूत होती है,परन्तु कभी-कभी इस रिश्ते की डोर इतनी नाजुक और कमजोर पड़ जाती है कि पत्नी की किस्मत में इंतजार के सिवा कुछ नहीं रह जाता है। … Read more

error: Content is protected !!