अभागिन – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi
बस…. मां… बस…..अब एक शब्द भी मत बोलना ….नहीं सुन सकूंगी अब ……और तू चिंता मत करना मां ….. ये बड़ा अटैची देखकर ये मत सोच लेना कि अब मैं यही रहूंगी…. कुछ दिनों के लिए आई हूं मां ….हां कुछ दिनों के लिए ही आई हूं… कहते कहते आंचल का गला भर आया…! अरे … Read more