शुरुआत – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :शुरू में जब मैं यहां आई ..तो ये कॉलोनी के छोटे-छोटे घर ….मेरे तो कभी पैर की उंगलियों में …कभी घुटनों में …कभी हाथ की कोहनी में… सोफे पलंग से चोट लग जाया करता था …..बाप रे इतना कन्जेस्टेड…..भौं चढ़ाते हुए शीतल ने कहा …..बहू की बात सुनकर आरती (सास) चुप … Read more

प्यार और उपहार – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :.. ओ माँ… कहां है माँ…. अरे आ रही हूं बेटा …दूध एकदम से उबलने वाला था ..सोची उबल ही जाए फिर आती हूं …नहीं तो गिर जाएगा… जल्दी-जल्दी आकर रंजना ने कहा…। देख तेरे लिए क्या लाया हूं… एक पैकेट पकड़ते हुए लक्ष्य ने कहा…अरे इसमें क्या है…? रंजना ने … Read more

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