आ गले लग जा – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
“सुनो माला, यार कल तुमने खाने में मिर्ची बहुत डाल रखी थीं। मिर्ची ज्यादा हो तो सुबह को टॉयलेट में भी झेलना पड़ता है ना।” सुदर्शन ने हँसते हँसते शेव बनाने के बाद चेहरे पर लगे साबुन के झाग पौंछते हुए कहा। “आज कम डाल दूँगी।” किचन में सुदर्शन का लंच बॉक्स तैयार करती हुई … Read more