मन बनाकर मन मारना अच्छा नहीं लगता – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

” राशि राशि कहा हो यार जल्दी से आओ ।” ऑफिस से आते ही निकुंज अपने कमरे में जाकर राशि को जोर जोर से आवाज़ देकर बुलाने लगा “ आ रही हूँ बाबा पता ही है डिनर बना रही होती इस वक़्त फिर भी पूछ रहे हो कहाँ हो?” राशि भीगे हाथ तौलिए में पोंछते … Read more

मैं जल्दी ही लौट कर आऊँगा….. – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

 अपने दिलो दिमाग़ से लड़ती कज़री अपने कमरे से एक एक सामान समेट रही थी…. आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहा था….ससुराल वालों के तानों से आहत मन और दिमाग़ में उनके बातों के हथौड़े के चोट से वो पूरी तरह घायल हो चुकी थी…. बेटी की ये हालत देख कर उसके … Read more

पहले बच्ची को चुप करवाऊँ या आपके घरवालों की ख़िदमत करूँ? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“आज नाश्ता नहीं बनाया क्या तुमने?” निकुंज ने राशि से कमरे में आकर पूछा जहाँ राशि रोती दीया को चुप कराने में व्यस्त थी “सुबह से दीया परेशान कर रही है… मुझे छोड़ ही नहीं रही.. खेलने को बिठाकर जाने का सोचती तो रोना शुरू कर देती है .. अब ऐसे में इसे छोड़कर कैसे … Read more

बहन मायके में बैठी अच्छी नहीं लगती…… – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ सँभालिए अपनी बेटी और नाती – नातिन को…. इनके साथ अब हम नहीं रह सकते….।” महेश्वर जी ने जैसे ही कहा कलावती जी घबराते हुए पूछ बैठी ,“पर क्यों….?” ” देखिए बहन जी आपने अपनी अंधी बेटी हमारे बेटे के संग ये कह कर ब्याह दिया कि उसे आप लोग कुछ पैसे दे कर … Read more

कोई इतना कोसता है क्या – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

सारे लोग आज सरला चाची के घर पर इकट्ठे हो रखे थे सौ लोग सौ तरह की बातें कर रहे थे… इन सब के बीच में किसी के ज़ोर जो से रोने की आवाज़ कानों को भेद रही थी… करूण रुदन सुन कर सबका मन व्यथित हो रहा था पर होनी तो हो चुकी थी … Read more

पहले वाली भाभी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ क्या बात है भाभी आप कुछ दिनों से परेशान दिख रही है…. मैं आ गई हूँ इसलिए क्या?” राशि ने अपनी भाभी निशिता से उसके उतरे चेहरे को देख कर पूछा “ ये कैसी बात कर रही है दी…मैं क्यों आपके आने से दुःखी होने लगी… आपके आने से तो इस घर में रौनक़ … Read more

क्या सच में सासु माँ नाराज़ नहीं है…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ यार पहले हमें घर जाना होगा माँ ने बुलाया है…।” अपनी माँ से बात करने के बाद फ़ोन रखते हुए निकुंज ने राशि से कहा  “ पर मैं तो पहले अपने घर जाने वाली हूँ … उसके बाद माँ के पास जाने का प्रोग्राम बनाया था ताकि उधर ज़्यादा दिन रूक कर उधर से … Read more

बहू के सामान पर बेटी का हक़ – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

“ क्या बात है जबसे नित्या के घर से आई हो तुम्हारा चेहरा उतरा उतरा हुआ सा क्यों है?” निकुंज ने राशि से पूछा  “ कुछ नहीं जाने दीजिए… आप भी मुझे नहीं समझेंगे और चार बात सुना देंगे ।” कहकर राशि कपड़े बदल कर बिस्तर पर आकर लेट गई  नीँद आँखों से कोसों दूर … Read more

बेटा बहू को एकांत में रहने दो – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ बहुत दिन हो गए हम कहीं बाहर ना तो घुमने गए हैं ना किसी रेस्टोरेन्ट में जाकर बैठ कर खाए ही हैं… इस बार हम संडे को बाहर चलेंगे बस।” दीया ने रात के खाने के बाद फ़रमान जारी कर दिया. “ बेटा पापा को एक दिन तो आराम करने को मिलता है उसमें … Read more

बहू कुछ दिन और मायके रूक जाती…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बहू तू इतनी जल्दी मायके से आ गई… समधी जी अब कैसे हैं….. कुछ दिन उनके पास ही रूक जाती…. क्या सोचते होंगे तुम्हारे मायके वाले ज़रूर सास  मायके में रूकने नहीं देती होगी ।” कौशल्या जी ने बहू निशिता से कहा  “ बिल्कुल नहीं मम्मी जी…. सब तो मुझे दूसरे दिन ही भेज … Read more

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