आखिरी विदाई – रश्मि प्रकाश

“अरे बेटा ध्यान से अपनी माँ को तैयार करो…. बिल्कुल सोलह श्रृंगार करना उसका… और हाँ उसकी शादी वाली चुनरी भी ज़रूर ओढ़ा देना।”अपनी बहुओं को हिदायत देते किशोर बाबू अपनी धर्मपत्नी को निहार रहे थे। सुनंदा जी की आँखें ज़रूर बंद थीं पर चेहरे पर मुस्कुराहट विराजमान थी ….दोनों बहुएँ जया और हिना और … Read more

अपनी मर्यादा कभी नहीं भूलेंगे – रश्मि प्रकाश 

“ शैल याद है ना कल स्कूल जाना है…. कृष का एडमिशन करवाना है…. तुम वक़्त पर तैयार हो जाना।” कह आलेख चादर ओढ़ सोगया  “ हाँ याद है…. हम दोनों तैयार हो जाएँगे ।” कह अपने बेटे कृष के सिर पर चुंबन अंकित कर उसे कस कर पकड़ सोने की कोशिश करनेलगी  सामने ही … Read more

अपने घर के बच्चों में भेद कैसा… रश्मि प्रकाश 

कमला जी के दो बेटे हैं और दोनों एक ही सोसायटी में अपने अपने फ़्लैट में रहते हैं… सब का लगभग हर दिन का आना जाना लगा हीरहता है पर उनकी बहुएँ जरा कम ही एक दूसरे के घर जाती है… कमला जी भी दोनों बेटों के घर बारी बारी और ज़रूरत के हिसाब सेरहती … Read more

बहू भी तो बेटी है – रश्मि प्रकाश

“हैलो माँ हम लोग मथुरा जाने का सोच रहे है, तुम बोल रही थी ना तुम्हारा बहुत मन है मथुरा घूमने का तो तुम यहां आ जाओ फिर हम जाएंगे। तुम आओगी ना? टिकट करवा देती हूँ। बस तुम ये बता दो कब आओगी फिर हम जाने की तैयारी करेंगे।” राशि ने माँ से पूछा। … Read more

हमारे घर का चिराग़ हमारे ही आँगन में होगा – रश्मि प्रकाश

रागिनी को जब पता चला कि वह माँ बनने वाली है तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा था ये यूँ तो उसका दूसरा बच्चा था पर ख़ुशी दुगुनी हो रही थी क्योंकि उसने अपने पति तुषार से यही कहकर दूसरे बच्चे के लिए हामी भरी थी कि पहले बच्चे के वक़्त मुझे महसूस ही … Read more

इतनी स्वार्थी भी मत बनो – रश्मि प्रकाश

”ये कैसी गलती हो गई उससे … कह दो ये झूठ है…ना मैं मान ही नहीं सकता नरेन ऐसा कुछ कर सकता है….. मेरा छोटा भाई कभी ऐसाकर ही नहीं सकता है तुम लोग मुझे मेरे भाई के बारे में ऐसी बातें बता कर मुझे उसके ख़िलाफ़ भड़का रहे हो..!” कहते हुए नरेश बाबूअपनी आराम … Read more

खुद करो तो ठीक मैं करू तो गलत – रश्मि प्रकाश 

  वह अपने ऑफिस से निकलने ही वाली थी …कि अचानक तेज बारिश शुरु हो गई सोचने लगी समर ने कहा था “आज मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा मेरा इंतजार कर लेना।” एक घंटे होने को आए समर अब तक नहीं आया ऑफिस के भी अधिकांश लोग जा चुके थे। ऑफिस की कार भी निकल … Read more

क्या अपने सगे भी करते ऐसा धोखा….? – रश्मि प्रकाश 

सीता कुंज में आज बहार थी… घर के इकलौते चिराग़ की शादी जो होने वाली थी…. हल्दी, संगीत सब ख़ूब धूमधाम से हुआ….चारबहनों के इकलौते भाई की शादी जो थी… सबने मनपसंद कपड़े पहने हुए थे… साज सजावट देखते बन रही थी… आज शादी का दिनऔर बारात बड़ी धूमधाम से निकली… सब खूब मस्ती कर … Read more

मैं ऐसा कभी नहीं कर सकती…. रश्मि प्रकाश

गरिमा की आँखों से अविरल आँसुओं की धारा बह रही थी…. उसका इस तरह अपमान होगा वो सोच ही नहीं पा रही थी…. बड़ी भाभी ने जो अपमान किया वो तो वो बर्दाश्त भी कर लेती पर क्या माँ को भी मुझ पर भरोसा नहीं रहा….सालों से इस घर में अपनी सेवा के परिणामस्वरूप ऐसा … Read more

राजा साहब (भाग 1 ) – रश्मि प्रकाश

“अरे बाबू आपको क्या ज़रूरत पड़ी थी इस गाँव में आकर अपना बुढ़ापा काटने की…. पैदल चलते चलते हम सब थक गए हैं पर आप में अभी भी जोश है जाने कितने कोस की दूरी और तय कर लेंगे ।” हरिया ने राजा साहब से कहा शहर से साथ आए परिवार के सदस्य भी थक … Read more

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