सिर्फ पत्नी हो गृहस्वामिनी नहीं (भाग 1) – रश्मि प्रकाश

“ कितनी बार कहा है तुमसे इस घर के मामलों से दूर ही रहो… जब देखो तब अपनी नाक हमारे मामलों में घुसेड़ती रहती हो… अपना दिमाग़ मत चलाया करो…. बेकार का झमेला करना कोई तुमसे सीखें..।” ग़ुस्से में नितिन प्रिया  पर चिल्ला रहा था … ऐसे शब्द सुनकर नंदनी का खून खौल गया…जो आज … Read more

जुनून बना पहचान – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  ‘‘माँ इस बार बारहवीं बोर्ड के बाद मुझे नया मोबाइल दिला दोगी?‘‘ कुशल ने अपनी माँ पूछा ‘‘ अरे हर साल क्या मोबाइल ही बदलते रहोगे? अभी नहीं बाद में देखेंगे।‘‘ कहकर गार्गी बेटे को मना कर दी जब रिजल्ट आया तो कुशल के अच्छे नम्बर और रैंक देख पापा … Read more

आख़िरी वादा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ चलो अब थोड़ा आराम कर लो…देख रही हूँ कितने दिन से तुम ना ठीक से सोये हो ना खाए हो…अभी आराम कर लो फिर उठ कर खाना खा लेना ।”सुनयना ने पति योगेश से कहा  “ हाँ अब जाकर मुझे चैन की नींद आएगी… ऐसा लग रहा मैं गंगा नहा आया…अब तो बस आराम … Read more

समय समय की बात है…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “ लो फिर से आ गई महारानी अपने दोनों बच्चों को लेकर…. अब इनके लिए भी खाना बनाओ… देखो जी कहे देती हूँ… आपको आदत है हर दिन पराठे खाने की तो आपको तो दे दूँगी पर उन दोनो के लिए नहीं बनाने वाली … तो बस भूल से भी … Read more

पहले क्यों नहीं बताया (भाग 1) – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मोबाइल पर रिंग होते अनुज जल्दी से मोबाइल लेकर बालकनी में जाकर धीरे-धीरे बातें करने लगा। लगभग महीने भर से ये सिलसिला चल रहा था… पत्नी मनस्वी ये सब देख कर अनुज पर अब शक करने लगी थी… बहुत बार वो कोशिश करती देखे तो सही किसका फ़ोन आ रहा … Read more

पहले क्यों नहीं बताया (भाग 2) – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ तभी फिर से अनुज के मोबाइल पर उसी नम्बर से फ़ोन आया… अनुज जल्दी से कमरे से निकल कर बात करने लगा…तभी मनस्वी उठकर उसके पीछे पीछे गई और फोन छिन कर बोली ,” कौन हो तुम … मेरे पति से ऐसे चोरी छिपे बात क्यों करती हो… पता … Read more

उसमें जरा भी संस्कार नहीं है…(भाग 2)-रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मम्मी अकेली ना पड़ जाए ये सोच कर पृथा ने कार्तिक से कह कर अपनी मामी सास को भी अपने घर बुला लिया (जो उसी शहर में पास में ही रहती थी और उन लोगों को अच्छें से जानती भी थी और हमेशा उनका यहाँ आना जाना लगा रहता था)ताकि … Read more

उसमें जरा भी संस्कार नहीं है…(भाग 1)-रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘पृथा मुझे दो दिनों के लिए कलकता जाना है….ऑफिस की एक मीटिंग अटेंड करने….सोच रहा था तुम लोगों को भी लेता चलूँ…..तुम्हारे बड़े भाई साहब भी बार बार बुलाते रहते हैं तुम लोगों को ….तो चलो इस बार घूम ही लो।” कार्तिक ने कहा ‘‘ सच्ची!! वाह मैं कभी कलकत्ता … Read more

बहू ससुराल को करे तो अच्छी पर बेटा ससुराल को करता बुरा क्यों लगता… (भाग 2) – रश्मि प्रकाश 

” अच्छा सुनो कल राशि के पैरेंट्स के घर जाना…. कुछ लेकर जाना होगा क्या….. पहली बार यहाँ से जा रहा तो मुझे कुछ समझ नहींआ रहा है ….वहाँ से तो तुम पता नहीं क्या क्या  थमा देती थी ।” निकुंज ने जैसे ही बोला सरला जी की रही सही चिन्ता सच में बदलतीनज़र आने … Read more

बहू ससुराल को करे तो अच्छी पर बेटा ससुराल को करता बुरा क्यों लगता… (भाग 1) – रश्मि प्रकाश 

“ देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है, पर ये भी तो समझो ना वो भी अब उसका ही परिवार है….. सरला अपने बच्चे पर भरोसा रखो….एकतो तुम्हारी वो बेकार सी सहेलियाँ जाने क्या पटी पढ़ा जाती तुम्हें और तुम बस चिन्ता में मरी जाती हो…. अरे अपने दिए संस्कार परभरोसा तो रखो…बेकार की चिंता कर … Read more

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