फ़ैसला – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

”सुनती हो… अरे कहाँ हो भाई जल्दी बाहर आओ।” हाथों में सामान का थैला थामे जैसे ही घर के दरवाज़े के भीतर पाँव रखे राजेश्वर जी पत्नी सुनंदा जी को आवाज़ देने लगे रसोई से गीले हाथों को आँचल में पोंछते हुए सुनंदा जी निकल कर आई और बोली,“ क्यों गला फाड़ रहे हैं थैले … Read more

ये क्या हो गया – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

रत्ना जी के घर आज बहुत चहल पहल थी…कुछ ख़ास रिश्तेदार भी घर आए हुए थे…मौका था उनकी इकलौती पोती दीया की सगाई का । दीया की माँ रमा हमेशा से घरेलू कामों में निपुण थी और उसकी चाची तारा को सजने संवरने से फ़ुरसत ही नहीं मिलती थी…और उससे बढ़कर वो बिना काम किए … Read more

चाभियों का गुच्छा – रश्मि प्रकाश    : Moral stories in hindi

“ ये क्या कर रही है सुनंदा बहू… बहू के आते ही घर की ज़िम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की बड़ी जल्दी है तुम्हें जो अपनी तिजोरी की चाभियों का गुच्छा बहू को सौंप रही है… अरे जो मेरे साथ हुआ वो तुम्हारे साथ नहीं होगा … समझी तुम ।”चाची सास की धीमी मगर मज़बूत आवाज़ … Read more

ये क्या हो गया – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

रत्ना जी के घर आज बहुत चहल पहल थी…कुछ ख़ास रिश्तेदार भी घर आए हुए थे…मौका था उनकी इकलौती पोती दीया की सगाई का । दीया की माँ रमा हमेशा से घरेलू कामों में निपुण थी और उसकी चाची तारा को सजने संवरने से फ़ुरसत ही नहीं मिलती थी… और उससे बढ़कर वो बिना काम … Read more

ये प्यार बरकरार तो रखोगे ना सैंया जी… – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें दो अजनबी अपनी यात्रा अलग अलग वजूद से शुरू तो करते हैं पर अंततः एक जिस्म दो जान बन जाते है…. प्यार से पगे रिश्ते में सारे रिश्ते घुलमिल जाते है ….अगर पति पत्नी को अहमियत देता हो….तरजीह देता हो…..पर कई बार ऐसा नहीं होता…पति के लिए पत्नी बस … Read more

रिश्ते ऐसे भी होते हैं…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

पूरे दस साल बाद आज रीवा अपने शहर लौट रही थीं। कहाँ तो आख़िरी बार ये सोच कर निकली थी कि फिर यहाँ कभी कदम नहीं रखेंगी ….पर क्या पता था ….समय-चक्र एक बार फिर से उसे वहीं ला कर खड़ा कर देगा जहाँ से निकलने के लिए उसने खुद से कितनी लड़ाइयाँ लड़ी थी।  … Read more

सबक – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ लो हो गया बंटाधार… अरे इस मंदबुद्धि को समझाओ… कभी तो मेरी सुन लिया करें…जो सुन ले तो इसका भविष्य बन जाए… पर ना… बाप की सुन लेगा तो ये छोटा नहीं हो जाएगा !!” पिता महेश के ताने सुनता रितेश अपनी हार का रोना लेकर क्या आया पिता के तानों से ज़्यादा आहत … Read more

वो लड़की – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

 उसे फ़िक्र नहीं थी कि उसकी क़िस्मत की लकीरों में क्या लिखा है… वो बस अपनी ही धुन में ज़िन्दगी जीने की चाह लिए जी रही थी…. उसे पहली बार मैं अनाथ आश्रम में देखी…. वो तक़रीबन पाँच साल की होगी….अपने छोटे बेटे के  जन्मदिन पर मैं उस आश्रम में गई थी… सभी बच्चों के … Read more

मज़दूर या मजबूर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

सुबह की सैर के बाद जब हम घर आ रहे थे तो देखा कि कॉलोनी के गेट के पास ही सोसायटी के कर्मचारियों की सभा लगी हुई हैं । हम दोनों पति पत्नी को देखते ही उनमें से सबसे पुराना कर्मचारी सामने आया और बोला,” साहब आप लोग हमारी कुछ मदद कर सकते हैं तो … Read more

अपनों का भरोसा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे बेटा तुम … बहू और बच्चों के साथ?” सुबह सुबह दरवाज़े की कुंडी बजती देख दरवाज़ा खोल सामने बेटे बहू को देखते हुए रामदयाल जी बोले  “ हाँ अब हम यही रहेंगे।” एक टूक शब्दों में कह किशोर अपना सामान लेकर एक कमरे में चला गया  बेटा बहू का … Read more

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