भरोसे का खून – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

सुबह सुबह पाँच बजे दरवाज़े की घंटी बजते ही रचिता आँखें मलते हुए उठी और दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गई साथ ही साथ बुदबुदाती भी जा रही थी इतनी सुबह सुबह कौन आ सकता है….? दरवाज़ा खोलते ही देखती है सामने पड़ोस में काम करने वाला लखना परेशान सा खड़ा है  “दीदी जी  जल्दी घर … Read more

दूसरा मौक़ा – रश्मि प्रकाश   Moral stories in hindi

 वह बत्तीस वर्ष की एक जिंदादिल महिला थी .. पति तो शादी के एक साल बाद ही गुजर गए। ससुराल वालों ने भी मुंह मोड़ लिया था। मायके में माता पिता का साथ मिल रहा था पर कहते हैं ना जब पति ना हो तो बहुत कुछ बदल जाता है .. उसकी जिन्दगी में भी … Read more

बेटी के घर जाकर रहने का पाप नहीं होगा – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ मम्मा.. ये दादी माँ अपना सामान पैक कर कहाँ जा रही हैं…?” अद्दू ने निशिता से पूछा तो वो चौंक गई. जल्दी से कलछी छोड़ सासु माँ के कमरे की ओर भागी. “ आप बिना बताए कहाँ जा रही हैं माँ…. ?” निशिता ने पूछा. “ बहू मुझे राशि के पास जाना है… अब … Read more

गृह प्रवेश – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

माधुरी एक महीने से अपने नए घर के गृहप्रवेश की तैयारियों में व्यस्त थी, अपना घर जिसका सपना उसने ना जाने कब से संजो कर रखा हुआ था और आख़िर वो दिन आने वाला था पर क्या सब कुछ उसकी सोच के मुताबिक़ होने वाला था या फिर कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी उसने … Read more

काश मेरी कोई औलाद ही नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

अभी भी रमा बुत बनी वैसे ही भीगी बैठी हुई थी,बदन थर-थर काँप रहा था पर उसे होश ही नहीं था छत से नीचे चली जाए, जाने कब बारिश शुरू हो गई थी और वो ख़्यालों में ही खोई हुई थी,अभी भी ठंडी हवाएँ चल रही थी पर बारिश थम चुकी थी,तभी उसे अपना नाम … Read more

कड़वी यादों से बिगड़ते रिश्ते – रश्मि प्रकाश   : Moral stories in hindi

“ दीदी गूंजा की शादी में आ रही हो ना….जल्दी से आओ ना…. सब बार-बार पूछ रहे हैं घर की बड़ी बेटी कहाँ ग़ायब है…. भतीजी का ब्याह है उनको तो सबसे पहले आना चाहिए ।” रति अपनी बड़ी बहन राशि से बोली  राशि हूँ हूँ कर बोली,“ माँ को फोन दो…. हम बात कर … Read more

अपनों में दीवार कौन? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ मुझे जरा भी समझ नहीं आता ये रूहानी और मम्मी जी जब तब कुछ खुसुर फुसुर करती रहती है साथ ही कहेंगी धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते हैं… बताओ भला इस घर में हम चार लोग ही तो है तो कौन उनकी बात सुन लेगा… मैं?… क्या मैं उनकी या इस … Read more

औरत की इच्छा का मान सम्मान – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ क्या बात है सुधा … आज तेरे चेहरे पर ऐसी मायूसी क्यों है …कल तक तो तू ठीक लग रही थी… आज अचानक क्या हो गया ।”पड़ोस में रहने वाली हमउम्र सखी रेवती ने सुधा से पूछा  दोनों हर शाम बैठ कर थोड़ी देर गप्पें मारा करती थी “ क्या ही बोलूँ रेवा….. यार … Read more

दादी आज भी दुआएँ ना दोगी ? – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

नन्ही मासूम पीहू क्या ही जानती थी कि उसे दुआएँ देने की जगह कोसा जा रहा है आज तो उसका जन्मदिन है पर हर साल की भाँति दादी की तरफ से उसे तोहफे में बस बद्दुआएं ही नसीब होने वाली है । तीन साल की पीहू ये सब क्या ही जाने कि दादी उसके जन्मदिन … Read more

बहू इसकी हिफ़ाज़त अब तुम्हारे हाथ – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ देखना भाभी मेरी शादी पर माँ मुझे वो हार का सेट दे देंगी….. ना जाने कब से मैं माँ को बोल रही हूँ देने को पर वो बस मुस्कुरा कर रह जाती हैं ।” नीति ने अपनी नई नवेली भाभी से कहा जिसे अभी अभी सुनंदा जी एक साड़ी और सेट देकर गई थीं … Read more

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