रिश्ता करने से पहले – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“बला की खूबसूरत थी वो…तराशे हुए नैन नक्श , काले लंबे बाल …..और तो और जब वो बोलती थी तो ऐसा लगता था मानो फूल झर रहे हो…..माँ सच कह रहा हूँ उससे ज़्यादा ख़ूबसूरत लड़की हमारे घर में कोई भी नहीं है… तुम एक बार दीदी से पता तो करो वो है कौन?”अपनी छोटी … Read more

पुश्तैनी काम नहीं मर्ज़ी की काम – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

आज रमाकान्त जी को बहुत ज़रूरी काम से कहीं जाना था वही दुकान पर बहुत भीड़ देख कर रमाकान्त जी अपने सबसे पुराने और वफ़ादार कर्मचारी सूरजमल को बुला कर बोले ,”देखो सूरज आज दुकान का ध्यान रखना ,बहुत भीड़ है ,सब सँभाल लेना मुझे जरा ज़रूरी काम से कहीं जाना है… तुम ध्यान रख … Read more

पहले आप नहीं पहले मैं – रश्मि प्रकाश   : Moral stories in hindi

आज अपने दादा जी की पुण्यतिथि पर मैं फिर से पुरानी बातों के घेरे में खुद को जकड़ने से रोक नहीं पाई साल दर साल यूँ ही गुजरते चले जा रहे हैं पर नहीं भूले जाते तो वो सारे पल जिसने पल भर में अपनों की असली पहचान करवा दी। कितना वक्त गुजर गया है … Read more

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अनचाहे दिल के मेहमान  – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

बहुत सालों से अकेले रहने की आदत पड़ जाए तो घर में एक भी इंसान का यूँ अचानक से आना कितना तनाव देने लगता है ये नवल और पुनीता से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।  यहां तक की बच्चों को भी किसी और का आना खलने लग गया था। दस सालों से उनके पास दूरियों … Read more

देरी कर दी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

दरवाज़े की साँकल पर जोर जोर से हाथ मारते हुए अनिकेत शंभू शंभू कह कर चिल्ला रहा था । तभी एक अधेड़ उम्र की महिला ने दरवाजा खोला… आँखों पर चश्मा दुरुस्त करते हुए अपना चेहरा उपर अनिकेत की ओर करते हुए पूछी ,” तुम कौन हो बेटा… जो आज शंभू की खोज खबर लेने … Read more

प्रेम की अनुभूति – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“केशवी सुन तो बेटा किधर भागी जा रही है… तेरे दोस्त आते ही होंगे…अच्छे से तेल लगा लेना नहीं तो रंग छुड़ाते वक्त रोने लगेगी ।”कला अपनी बेटी को घर से बाहर जाते देख कर जोर से बोली “ आती हूँ माँ पहले अपने कान्हा के साथ होली तो खेल आऊँ नहीं तो वो ग़ुस्सा … Read more

रंगो की आड़ में.. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“ भाभी रसोई से निकलो और बाहर चलो ना… देखो सब रंग खेलने आए हुए हैं आप बाहर नहीं जाएगी तो वो रसोई में आ जाएँगे फिर माँ नाराज़ अलग होगी और हमारी मेहनत डबल… प्लीज़ भाभी चलो ना..।” अपनी भाभी कौशांबी से मनुहार करती तृप्ति कहे जा रही थी  “ आप देख रही है … Read more

भाभी ने कहा है तो ठीक होगा…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

रति के देवर निकुंज की की शादी बहुत धूमधाम से हुई… नई बहू राशि जब ससुराल आई तो दूसरे दिन रिसेप्शन की तैयारी चल रही थी। दस साल बाद इस घर में शादी हो रही थी… रति की शादी के समय तो रिसेप्शन में ऐसे ही घर के ड्राइंग रूम को हल्का सजाया गया था … Read more

सीख – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ तुम ये  कैसे बात कर रहे हो अंश.. यही सब सीख रहो हो स्कूल जाकर…पहले तुम कितने अच्छे बच्चे थे …अब बड़ों से बात करने की तमीज़ भी भूलते जा रहे हो… चलो सॉरी बोलो …नहीं तो आज मेरा हाथ उठ जाएगा ।” कसमसाते हुए निशिता ने बेटे से कहा आठ साल का अंश … Read more

मायके के लिए फ़र्ज़ कैसे भूल जाऊँ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोली “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर तुम सब से … Read more

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