मायके आने पर सवाल क्यों….? – रश्मि प्रकाश Moral Stories in Hindi

“ राशि तुम्हें नहीं लगता ये नीति इतना मायके आती रहती है और मम्मी जी हमें तो मायके कभी जाने नहीं देती….।”जेठानी रति ने राशि से कहा ” हाँ भाभी सही कह रही हो आप ….पर नीति को तो हम मना कर नहीं सकते आख़िर इस घर की इकलौती बेटी जो  है…. उपर से मम्मी … Read more

सोच से लड़ाई – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मनीष बीस साल होने जा रहे है हमारी शादी को…ज़रूरी है माँ को गड़े मुर्दे उखाड़ना….पहली बार में ही मैं समझ गई थी कि बड़ी भाभी से माँ की बहुत बनती है…आपके पिताजी के देहान्त के बाद बड़े भैया भाभी ने पूरे घर को बहुत अच्छे से सँभाल लिया…अपने से छोटे दोनों भाई बहन … Read more

अपने ही पहले दगा देते हैं -रश्मि प्रकाश Moral Stories in Hindi

“ बहू जरा अलमारी में से वो पेपर और गहने का डिब्बा तो पकड़ा दे…।” राजबाला जी ने बिस्तर पर बैठे बैठे अपनी छोटी बहू से कहा केतकी डिब्बा पकड़ा कर वापस चली गई वो अपनी सासु माँ को चाय देने आई थी और देख रही थी सासु माँ कुछ परेशान सी बिस्तर पर पहले … Read more

सोच बदलो सासु माँ -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“लोगों का तो काम ही होता है बातें बनाना आप किसी की बातों पर ध्यान मत दीजिएगा ताई जी…कमली के लिए आपलोग नहीं सोचेंगे तो फिर कौन सोचेगा….अभी उसकी उम्र ही क्या है? इक्कीस की ही तो हुई है…आप उसकी शादी तय करें… हम लोग एक दो दिन पहले आ जाएँगे आप किसी बात की … Read more

हम साथ साथ -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हम साथ साथ “ कब तक यूँ ही चुपचाप ग़ुस्सा पीते रहोगे…. माना रिश्ता बना कर रहना चाहिए पर ये कैसा व्यवहार है कि बिना गलती तुम सब बर्दाश्त करते रहते हो ।”निकिता अपने पति मयंक को समझाते हुए बोली “ निकिता पाँच साल से मेरे साथ हो ना….फिर भी तुम्हें समझ नहीं आया मैं … Read more

हम साथ साथ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ कब तक यूँ ही चुपचाप ग़ुस्सा पीते रहोगे…. माना रिश्ता बना कर रहना चाहिए पर ये कैसा व्यवहार है कि बिना गलती तुम सब बर्दाश्त करते रहते हो ।”निकिता अपने पति मयंक को समझाते हुए बोली  “ निकिता पाँच साल से मेरे साथ हो ना….फिर भी तुम्हें समझ नहीं आया मैं क्यों सब कुछ … Read more

बुढ़ापा कष्टकारी ना देना भगवन् -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ कै हई…?”फोन पर नित्या और उसके बेटे को देखते हुए उसकी नानी ने अपनी बेटी से पूछा  “ प्रणाम नानी… तुम्हारी निति और ये तुम्हारा परनाती देखो।” कहते हुए नित्या अपने बेटे कुशाग्र को नानी को देख कर प्रणाम करने बोली  “ आहहा निति कैसी है मेरी बच्ची…. नानी की याद नहीं आती जो … Read more

मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है.. मैं कितनी बार तुम्हें समझाती हूँ किसी भी रिश्ते को कस कर मत बाँधो….तुम्हें कभी मेरी बात समझ नहीं आई….आज तुम एक छोटी सी बात पर अपने सबसे अच्छे दोस्त को खो दोगी….रिनी कब बड़ी होगी तुम????अभी भी वक्त है बेटा….सुब्बु से बात कर … Read more

बस यही एक पल है – कल किसने देखा है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हर साल गर्मी की छुट्टियों में हम बच्चों के साथ कहीं ना कहीं घूमने जाते थे और इस बार  हमने शिमला जाने का प्लान बनाया।  शिमला का नाम आते ही मुझे याद आया कि वहां मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड सुहानी भी रहती है।  मैंने अपने पति से कहा,  “हम शिमला जाएंगे तो  तो मैं … Read more

वो आपकी पत्नी है काम वाली बाई नहीं- रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ आहहह” कहते हुए राशि कमर पकड़ कर बैठ गई “ क्या हुआ माँ…. ये क्या तुम कपड़े का टब लिए यहाँ वहाँ से कपड़े इकट्ठे कर रही हो… पता है ना तुम्हें ज़्यादा झुकने पर कमर दर्द की समस्या हो जाती है।” दीया ने राशि से कहा राशि वही पास में रखे काउच पर … Read more

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