तेरी जैसी क़िस्मत कहाँ किसी की – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ चलो उठो ये लो चाय पी लो ।” साइड टेबल पर चाय रखते  हुए रोहित ने अंकिता को प्यार से कहा और माथे पर चुंबन अंकित कर दिया  अंकिता मुस्कुराते हुए पति को देखी और सँभल कर उठ कर बैठ गई। “ क्या बात है आज पतिदेव बहुत मेहरबान हो रहे है … ये … Read more

कर आई जग हँसाईं … – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

आज अपने आप पर कोफ़्त हो रहा था…क्या ज़रूरत थी मामी सास से ये सब कहने की… वो तो वैसे भी कान लगाए रहती हैं हमारे घर की हर बात जानने के लिए….मायके से विदा होते वक़्त कैसे दादी ने समझाते हुए कहा था,“ देख बिट्टो जहाँ जा रही वो तेरा ससुराल है…. तू तेरी … Read more

अभागी गंगा – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

‘‘ कितनी अभागी हूँ मैं… मेरे जैसी अभागन भी हो सकता है कोई दूनिया में ???? ऐसा लगता है लिखने वाले ने मेरी किस्मत ही काली स्याही से लिख दी है फिर किसी को क्या दोष दूँ… बचपन से लेकर आज तक बस सबकी सुनता ही आई हूँ….जब बाप का कुछ काम बिगड़ा बेटी दोषी … Read more

कहने से पहले परखना – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ ये क्या कर दिया तुमने रोहित एक बार भी जेहन में ये ख़याल नहीं आया हम लोग इतने सालों से इस कम्पनी के लिए काम कर रहे हैं इनके परिवार को हम कितना सम्मान देते हैं और तुम एक लड़की के लिए अपना ईमान बेच दिए… लानत है तुम पर।” कहते हुए मनोज अपने … Read more

मायके के लिए अपने फर्ज कैसे भूल जाऊँ? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोलीं. “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर तुम सब से … Read more

इतनी बेरुख़ी क्यों ….? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“एक तो ज़बरदस्ती की शादी ,उस पर ऐसा बेरुख़ी भरा व्यवहार…. ये तो ऐसा लगता जैसे किसी को जीते जी मारा जा रहा हो…. बता ना मैंने कहा था क्या अपने घर की बहू बना कर लाओ… खुद ही आई थी मेरा हाथ माँगने तिस पर मेरे मम्मी पापा को भगवान जाने कितने सुहाने सपने … Read more

झूठी शान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे रामसिंह हटवाओ इन रेहड़ीवालों को कैम्पस के अंदर से… तुम्हें कितनी बार समझाया है इन लोगों को अंदर मत आने दिया करो।” इंटरकॉम पर अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गार्ड को फ़ोन कर के मनोहर जी ग़ुस्सा जता रहे थे “ साहब हमने तो मना ही किया पर वो जो 204 में नए लोग शिफ़्ट … Read more

हमेशा बना रहे बेटी का घर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहाँ की मेहमान है “ जैसे ही ये बात सरला ने रोते रोते अपनी बेटी की विदाई के वक़्त कही वही पास में खड़ी सुलोचना जी रोना भूल ग़ुस्से में सरला से बोली,” ये क्या सीखा रही है बहू…कुहू का ये घर वैसे ही … Read more

अपना किया खुद ही भुगतना पड़ता है… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“उसका शरीर बुख़ार से तप रहा था …फिर भी तुमसे नहीं हुआ कि उसे दवा दे दो…. देखना सुचि कहीं ऐसा ना हो तुम उससे दूरियाँ बढ़ाती जाओ और तुम्हारे बच्चे तुमसे…।” जीवन जी की ये बात याद कर आज सुचि के बहते आँसू रूक ही नहीं रहे थे  सुचि अपने कमरे में बुख़ार से … Read more

बेटी को ब्याह काम ख़त्म करो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

आज रमोला के चेहरे को देख कर गगन खीझ कर रह गया था…उसका जी कर रहा था दो चार थप्पड़ अपनी पत्नी के गालों पर जड़ दे.. पर माँ की सीख याद कर मन मसोस कर रह गया…. “बेटा हमेशा स्त्री की सम्मान करना.. हाथ उठाना मर्दानगी नहीं अपितु वो मर्द की कमजोरी को दर्शाता … Read more

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