ज़िम्मेदारी बराबर की – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अच्छा सुनो एक गुड न्यूज़ है…  भैया की बेटे की शादी तय हो गई है  दो दिन बाद सगाई है हमें जाना है।”निलय ने नीरा को ऑफिस से फोन कर के गुड न्यूज़ देकर पैकिंग करने को कह दिया  नीरा कुछ कहती इससे पहले निलय ने फ़ोन रख दिया  शाम को जब निलय ऑफिस से … Read more

काम करने की कोई उम्र नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“सुमिता बुटीक कलेक्शन” बड़े बड़े अक्षरों में लिखे इस नाम को देख कर आसपास खड़े सारे लोग सुमिता जी को बधाई दे रहे थे…सब की नज़रें कौतूहल से सुमिता जी को ही देख रही थी आख़िर पचास साल की उम्र में ये सब करने की हिम्मत कहाँ से जुटा सकी । इधर बाहर गेट पर … Read more

ये कैसी सीमा रेखा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ तुम पिता जी को समझा दो … मुझे अभी शादी नहीं करनी है और ये लड़कों के घर जा जाकर उन लोगों से मिलना छोड़ दें… मुझे अभी बहुत पढ़ाई करनी है और शादी ब्याह के पचड़े में जरा भी नहीं पड़ना।” ग़ुस्से में पैर पटकती नैना अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर … Read more

बेटे की आँखों में आँसू बहू ने ही तो दिए हैं….. – रश्मि प्रकाश: Moral Stories in Hindi

“ बहू अब क्यों नहीं कह रही …तू तो मेरा बहादुर बेटा है,रोना नहीं, क्योंकि लड़के रोते नहीं….।” सुलोचना जी अपनी बहू सुमिता जी से बोल रही थी…कहते कहते अपने पोते रितेश को देख उनकी भी आँखों में आँसू आ गए थे। “ बस माँ… अब और कितने ताने देंगी….अब अंदर से कोई कैसा निकलेगा … Read more

खुश रहने का हक तो उनको भी है ना…. – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

“ छोटी छोटी बातों में ख़ुशियों की तलाश करना सीखो….!” माँ के बोल राशि के कानों में गूंज रहे थे…. राशि ना चाहते हुए भी सोचने लगी….क्या सच में निकुंज को अब मेरी परवाह नहीं रहीं ….. ऐसा क्या हुआ जो पच्चीस साल के बाद अचानक बदल गए…. हर तारीख़ जिसे याद रहती…. मुझसे जुड़ी … Read more

हौले हौले घुलती कड़वाहट – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“पता नहीं मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ? माँ सही कहती थी तेरे हाथ में यश ही नहीं है… अच्छे काम भी कर लो कोई नाम नहीं होने वाला..बेकार ही सिरदर्द ले कर अपने माथे काम की चादर ओढ़ती रहती हूँ….इतने जतन से सब तैयारी की और नाम देखो हो गया जेठानी जी … Read more

बारात तो वापस जाएगी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ देखिए मनोहर जी जो बात तय हुई थी उस पर अमल करिएगा कहीं ऐसा ना हो ऐन मौक़े पर आप मुकर जाए?” जनमासे (जहां पर दूल्हा और सारी बारात को ठहराया जाता है )में लड़के के ताऊजी ने लड़की के के पिता से कहा  मनोहर जी ने सब कुछ अच्छे से इंतज़ाम कर लिया … Read more

क़िस्मत वाली या बदकिस्मत – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

आज अपनी तीसरी बेटी को भी हँसी ख़ुशी विदा करने के बाद तनु घर समेटने में व्यस्त थी तभी सुमति जी आई और बोली,“ बहू बड़ी भाग्यशाली है मेरी पोतियाँ जो इतने अच्छे घर में ब्याही गई… तीनों अपने माता-पिता के लिए जितनी फ़िक्रमंद रहती है उससे ज़्यादा उनके पतियों को तुम दोनों की चिंता … Read more

जान की कीमत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बच्चों को स्कूल भेज कर राशि आराम से चाय पीने का सोच रही थी…. सुबह जल्दी उठने से बच्चों का टिफिन भी  तैयार हो गया था इसलिए इत्मिनान से चाय का लुत्फ़ उठा सकती थी। राशि अपने और अपने पति निकुंज के लिए चाय बना कर अभी कुछ घूँट ली ही थी कि फोन की … Read more

अब नाटक बंद करो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बंद करो ये घड़ियाली आँसू बहाना … आज ये जो कुछ भी हुआ है उसकी वजह बस तुम हो तुम।” तमतमाते हुए नितिन ने अपनी पत्नी पूर्णिमा को कहा और परे धकेल दिया  सामने ज़मीन पर पिता का निर्जीव शरीर पड़ा हुआ था उसकी माँ छाती पीट पीट कर रो रही थी  अपने ही … Read more

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