जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
मैं बाजार जा रही थी. बाजार में मेरी दोस्त प्रतिमा मिली. बहुत सालो बाद. कैसी हो? ठीक हूं! तुम बताओ? मैं भी ठीक हूं डियर, बस बच्चों का कुछ सामान लेने आई थी, चलो साथ में बैठते है, मैने उसे बोला. आज नहीं किसी और दिन, आज मुझे बहुत काम है. प्रतिमा की मनुहार सुन … Read more