एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुमन ,कहा हो आओ जल्दी ,देखो मेरी शर्ट कैसी लग रही है? पूरे पांच हजार की है | सुमन क्या पांच हजार? हा जी सुमन मैडम पांच हजार की है | सुमन ने गुस्से में बोला ,पांच हजार की हो या ,दस हजार  की,बिल्कुल अच्छी  नहीं है|बोल के रसोई में चली गई | रमन को … Read more

मोहताज – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

धनिया बहुत ही प्यारी लड़की थी | अपने दो भाई दो बहनों में सबसे दुलारी थी | सीधी साधी होने के कारण सब घर में  उसका बहुत ध्यान रखते | बहुत ही प्यार दुलार मिलता था | धनिया की शादी  हो गई | ससुराल वाले ठीक ठाक ही थे | कभी धनिया को कुछ दुख … Read more

आंखो पर चर्बी चढ़ना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

बेटा ,बेटा रोहन आज मेरी दवा ले आना | रामदास जी ,चार दिनों से रोहन  को बोल रहे थे |ठंड के कारण रोहन बाहर नहीं जाना चाह रहा था | रोहन ने बोला पापा में दवा  की दुकान पे फोन करके बोल देता हूं| आपकी दवा   आ जाएगी | बेटा पैसा बहुत अधिक लेता … Read more

अपमान – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुनीता गांव की  पढ़ी लिखी लड़की थी |  बहुत ही ज्यादा  समझदार भी  थी |वो हमेशा  से डाक्टर बनना चाहती थी |उसके मां पापा बहुत मेहनत करते | ताकि अपनी बेटी  को पढ़ा लिखा के डॉक्टर  बना सके | गांव के  सभी लोग उसकी बहुत तारीफ करते थे |सुनीता से पूरे गांव के लोगों की … Read more

मन का रिश्ता – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

आज बहुत बहुत खुश थी ममता | उसकी पहली पुस्तक  छप गई थी |वो बार बार अपनी पुस्तक को देखती | और भावुक हो जाती ,उसको यकीन नहीं हो  रहा था ,की उसने इतना बड़ा काम कर दिखाया | ममता एक बहुत पढ़ी लिखी सीधी ,साधी औरत थी | हमेशा हंसती मुस्कुराती रहती | उसके … Read more

अंधेरे में रखना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

गीता के मां पापा ने उसकी शादी बहुत ही बड़े घराने में  तय कर दिया  | सभी परिवार वाले बहुत खुश थे | शादी की तारीख तय  करने गीता के पापा लड़के वाले के घर गए | वहा देखा की जिस लड़के से शादी तय हुई थी ,वो पूरी तरह से शराब के नशे में … Read more

आखिरी फैसला – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

कमल ने जैसे ही सुमन (बेटी) और कमला(पत्नी ) को घर के अंदर आते देखा ,गुस्से में बोला तुम दोनो का दिमाग खराब हो गया है ,बस गाना, गाना ,उसके अलावा कोई काम ही नहीं है | कमला ,क्यों बेटी की जिंदगी बर्दाद कर रही हो? उसको समझाने की जगह तुम खुद ही उसको ले … Read more

मां बाप की दुआओं में भगवान के आशीर्वाद से भी बड़ी शक्ति है! – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सीखा कहा हो ? जल्दी करो मंदिर जाना है ,लेट हो जायेगा | हा कर तो रही हो शिखर ,सुबह बहुत काम हो जाता है  | थोड़ा  बहुत तुम भी कर लेते तो टाइम से सब हो जाता |  शिखर मंदिर के लिए निकल गया | वहां पहुंच पूजा पाठ हवन सब  कुछ किया बहुत … Read more

भाग्यहीन – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोहन और सिया ने चैन की सांस ली | बहुत अच्छा हुआ , बड़ी मां चली गई, हम लोगों की जिन्दगी से | सारा दिन बड़बड़ करती रहती थी | जीना हराम कर रखा था |पूरे टाइम हम लोगों को बस उपदेश देती रहती थी |   ,शराब नहीं पियो , पढ़ो लिखो ,अच्छे इंसान … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

गीता मायके आई थी। उसका चेहरा मुरझाया हुआ था, आँखों में उदासी और चिंता की गहरी लकीरें खिंची हुई थीं। गीता की माँ, जो अपनी बेटी के स्वागत में पूरे मनोयोग से लगी हुई थी, उसकी ऐसी हालत देखकर घबरा गई। “आओ बेटा, बैठो। कैसी हो? घर में सब कैसे हैं?” माँ ने गीता को … Read more

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