पैरों की धूल समझना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रीता और रमन की शादी को पंद्रह साल हो गये थे । रीता की शिक्षा हिंदी मीडियम से हुई थी । जिस कारण उसको  अंग्रेजी बोलने में असुविधा होती थी । लेकिन हिंदी में उसकी पकड़ बहुत अच्छी थी ।रमन  रीता को” अपने पैरों की धूल समझता” था ।  बात बात पे गवार शब्द का … Read more

माँ अगर मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

कमल कहा हो बेटा? देखो जरा सलोनी, क्या कर रही है?माँ क्या हुआ? बताओ मैं कर देता हूँ, नहीं, नही ,सलोनी को ही बुलाओ, मेरे सर में  बहुत दर्द हो रहा है , अदरक वाली एक चाय बना के दे, दे हमको बस । माँ कामवाली आ गयी है , वो बर्तन धो ले फिर … Read more

अरमान निकालना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रुचि ने अपने पति रोहित से पूछा  ,रोहित  मां पापा  का बहुत मन है , कुंभ जाने का ,मै ले के चली जाऊ क्या? आप  दो दिन मम्मी जी और पापा जी ,ध्यान रख लेते तो ठीक था । रोहित ने बोला पागल तो नहीं हो गई? किसी और के साथ भेज दो , उनका … Read more

बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए हम सब को छोड़ कर जा रहा है। – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सीमा जी बहुत  दुखी थी। अपने बेटे अमित और बहु रीटा से ।कुछ दिनों से ठीक से बात  तक नहीं कर रही थी । अमित आया और बोला मां,गुस्सा छोड़ो और हमको अपना आशीर्वाद दो ।सीमा जी ने देखा बड़ा सा बैग लिए बिल्कुल तैयार हो के अमित आया था।उसके पीछे , रीटा भी पिट्ठू … Read more

पैसे का गुरुर – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुमन एक  मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी। उसके दो भाई राम, श्याम थे। सुमन के मम्मी पापा  ट्रेन दुर्घटना में गुजर गए थे। दोनो  भाइयों ने मिल के सुमन को पढ़ाया लिखाया ।सुमन पच्चीस साल की हो गई थी ।राम दिन रात सोचता की किसी अच्छे घर में सुमन की  शादी हो जाए । राम  … Read more

विष उगलना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रचना बहुत ही अमीर घर की बेटी थी । शादी भी बहुत अमीर घर में हो गई ।फिर क्या था ,छोटे  लोग,यानी गरीब लोगों को कुछ समझती ही नहीं थी।  अपने घर काम करने वाली कमली को हमेशा बुरा भला बोलती रहती थी । एक दिन कमली का पति बहुत बीमार था ।कमली ने बोला … Read more

आग में घी डालना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रात का समय था ।ममता अपने बच्चों पति के साथ सो रही थी ।अचानक डोरवेल की आवाज आई ।ममता ने जा के दरवाज़ा खोला ,वो दंग रह गई ,बोली बुआ जी आप इतनी रात को ?क्या हुआ ,सब ठीक हैं ना? कुछ ठीक नहीं है ममता ,अब मैं यही रहूंगी ,कभी अपने ससुराल नहीं जाऊंगी … Read more

बट्टा लगना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रुचि सावले रंग की बहुत समझदार लड़की थी। अपने साथ काम करने वाले रमन से उसको प्यार हो गया था । रमन बहुत ही गोरा और सुंदर था। रमन, और उसके परिवार वाले ,रुचि की  पोस्ट और पैसों को देख उन दोनों की  शादी के लिए तैयार हो गए। दोनो की शादी अच्छे से हो … Read more

आग में घी डालना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रात का समय था ।ममता अपने बच्चों पति के साथ सो रही थी ।अचानक डोरवेल की आवाज आई ।ममता ने जा के दरवाज़ा खोला ,वो दंग रह गई ,बोली बुआ जी आप इतनी रात को ?क्या हुआ ,सब ठीक हैं ना? कुछ ठीक नहीं है ममता ,अब मैं यही रहूंगी ,कभी अपने ससुराल नहीं जाऊंगी … Read more

ढलती सांझ – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

हेलो ,हेलो कनक ,बोलो  कुणाल ,अब किस लिए कॉल किया है? कनक  दो दिन बाद हमारा तलाक हो जाएगा । हमको पता है कुणाल ,मै टाइम से पहुंच जाऊंगी । नहीं नहीं मै कह रहा था क्या कल का दिन हम दोनो एक साथ गुजार सकते है? कनक ने बोला क्यों? किस लिए? वो बस … Read more

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