अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी। अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह … Read more

दर्द की अनुभूति – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : निलिमा जी के पति राजेश जी का निधन हुए १५ दिन हो गए थे।  कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी मेहमान जा चुके थे।घर पर वे और उनके बेटा बहू रह गए थे। बेटे अनिल को भी आज से नौकरी पर जाना जरूरी है, वैसे ही राजेश बाबू की बिमारी … Read more

एक सबक – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : बेटा जुगल आज दिल बहुत घबरा रहा है, किसी काम में मन नहीं लग रहा। ऐसा लग रहा है कि कोई अपना मुसीबत में है।’ विश्वनाथ बाबू ने अपने बेटे से कहा तो वह बोला – ‘बाबा आप यूहीं चिन्ता कर रहे हैं। हम सब ठीक है, कल ही दीदी … Read more

तालियों की गड़गड़ाहट – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi :  लीला ने फोन का रिसीवर उठाया,बेटे ईश्वर का फोन था  – ‘क्या बात है माँ कितने फोन लगाए आपको, कहॉं खोई हो? आप तैयार रहना मैंने आपके लिए गाड़ी भेजी है, आप जल्दी से नवरंग कला भवन में आ जाओ,   माँ !आज मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है,और यह … Read more

हृदय परिवर्तन – पुष्पा जोशी  : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi :  परेश ने छह महिनों में एक बार भी अपने पिता राजेश जी के घर की ओर रूख नहीं किया। अपनी माँ रमा जी, के व्यवहार से वह बहुत आहत हो गया था। उसकी माँ ने चारू के साथ जो व्यवहार किया, उसे याद करके तो उसकी अपने घर जाने की … Read more

*पिता से छल* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 रामदीन और केशव पक्के दोस्त थे। ये बचपन के दोस्त आज लगभग ७० की उम्र के हो गए थे। दोनों खेती किसानी करते और अपने परिवार का भरण पोषण करते। समय आने पर एक दूसरे की मदद करते। दोनों का जीवन एक दूसरे के लिए एक खुली किताब की तरह था। कोई छल बंद नहीं। … Read more

* एक ठोकर * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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   पूनम बहुत ही सुन्दर और समझदार लड़की थी, संकोची स्वभाव की, बहुत कम बोलती थी। उसके पिता का एक रोड़ एक्सीडेंट में निधन हो गया था, और माँ बसंती कुछ घरों में झाड़ू, पौछा और बरतन का काम करती और अपनी बेटी को पढ़ा रही थी। वह सेठ धनीराम के यहाँ भी काम करती थी … Read more

अनकही शिकायतें – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : शिकायत हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा है। ये शिकायते भी कैसी होती है। कभी अपने लिए, कभी अपनो के लिए, कभी अपनो से। कुछ कही, कुछ अनकही। शिकवे शिकायत प्रायः अपनो से होते‌ है, गैरों से नहीं। कुछ भावुक व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो किसी से शिकायत होने पर भी, … Read more

दिल पर चोट – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 सुखिया और उसका पुत्र दीनू रजनीश बाबू के यहाँ काम करते थे। सुखिया को इस घर पर काम करते हुए लगभग बीस साल हो गए थे। रजनीश बाबू के दो बेटे थे, जिनकी शादी हो गई थी। सुखिया सुबह ठीक आठ बजे आ जाती थी,और रात को आठ बजे घर जाती थी, जब दीनू छोटा … Read more

भाई -बहिन का रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : ‘नीर! यह तुम ठीक नहीं कर रहै हो बेटा,माना कि स्वाति तुम्हारी इकलौती बहिन है, मगर बेटा हमेशा अपनी चादर देखकर पॉंव पसारना चाहिए। उसकी शादी में पहले ही तुमने बहुत खर्चा कर दिया है,और अब राखी पर ये जड़ाऊ कंगन? बेटा हमने उसकी शादी अच्छे परिवार में की है, … Read more

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