टूटते रिश्ते – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

New Project 45

“हमारा हिस्सा हमें दे दीजिए, हम अपनी व्यवस्था उसमें कर लेंगे….” प्रताप सिंह के छोटे बेटे व्योमेश ने हॉल में बैठे अपने मां बाबूजी से कहा। “ये आज अचानक तुम्हें क्या हो गया…ये अलग हिस्से की बात कहां से आ गई….” आश्चर्य से देखते हुए प्रताप सिंह ने पूछा। व्योमेश और उसकी पत्नी शुभी शहर … Read more

तुम मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने में नहीं सोचा था – प्रतिभा भारद्वाज “प्रभा” : Moral Stories in Hindi

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भाभी,आप तो जानती ही हो कि हमारे घर में तीन ही कमरे हैं और प्रीती और राहुल भी अब बड़े हो चुके हैं जिनको उनकी पढ़ाई के लिए भी एक कमरे की जरूरत महसूस होती है, अगर.. आप स्टोर वाले कमरे में अपना सामान रख लें और वहां रहने लगें तो कमरों की समस्या दूर … Read more

गुरूर -प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

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“अरे बहुओं को थोड़ा कंट्रोल में रखना चाहिए नहीं तो घर बिगड़ते देर नहीं लगती….” रामदयाल जी ने अपने छोटे भाई किशनलाल से कहा जिनकी बहू किसी बात से नाराज होकर एक दिन पहले अपने मायके चली गई थी। “अब क्या बताएं राहुल भी तो नहीं कहता कुछ उससे…अब हम भी कब तक कहें…हमारा ज्यादा … Read more

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