अन्तर्मन की गांठ – पुष्पा जोशी 

सूर्यास्त का समय था। सूर्य की लालिमा क्षितिज पर छाई हुई थी। फूलों की सुगंध से वातावरण सुगंधित हो रहा था। पक्षी कोलाहल करते हुए आसमान में उड़ रहे थे। रंग-बिरंगे मेघ अठखेलियां कर रहे थे। मनमोहक वातावरण था,मगर अवनी के मन में बेचैनी थी। जब अंतर्मन उलझा हो, तो बाह्य सारे उपकरण बेमानी लगते … Read more

अड़चनें – सीमा बत्रा

सरिता ने जैसे ही  अपना फ्लैट खोला तो  अंधेरा पसरा हुआ था । रोज तो मंदिर वाले कमरे की लाइट जलती छोडकर जाती है।  पर लगता है, आज जल्दी जल्दी में वो भी बंद कर दी थी । यही सोचते हुए सरिता ने अपने मोबाइल की टार्च जलाकर कमरे के कमरे के स्विच बोर्ड की … Read more

ख्वाहिश – सीमा बत्रा

“तुम मुझे खिलाओ, मुझसे गिर जाता है न ,फिर ड्रेस गंदी हो जाएगी तो मम्मा गुस्सा होगी”। 23-24 साल की लड़की के मुँह से ये बात सुन ट्रेन में आस पास बैठे लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। उन लोगों में मैं भी एक था। ट्रेन के सैंकड क्लास ए.सी. कोच में बच्चे नहीं … Read more

बॉडी शेमिंग – अनुपमा

संध्या बहुत सुंदर थी , घर मैं सब लोग उसे कहते है आपकी तरह परफेक्ट कोई भी नही है । सही लंबाई , सही आकार और सुंदर चेहरा और बाल साथ ही सर्वगुण संपन्न , ये है संध्या का परिचय , नई नई शादी हुई थी ,सब खूब तारीफ करते संध्या की । उसका पति … Read more

सुनो बसंती रे…. काहे सताए आ जा.. – विनोद सिन्हा “सुदामा”

कहते हैं इंसान जब अंदर से टूट जाता है तब बाहर से खामोश हो जाता है…अंदर शोर तो बहुत होता है पर बाहर हर तरफ मौन पसरा रहता है…मेरी हालत भी आज़ कल कुछ ऐसी ही है..जिंदा लाश ..बना हर पल तुम्हारे न होने की वजह ढूँढता रहता हूँ…. कैसे कहूँ…एक तुम्हारा होना क्या से … Read more

छोले-भटूरे: – मुकेश कुमार

रौनक सुबह जब बेटी को स्कूल छोड़ने जा रहा था तब पहली बार सुना “आज छोले-भटूरे बनाना मम्मा” उसके बाद तो पुरे दिन भर वही बात चलती रही – “चाची आज आपको छोले ही बनाना है सिर्फ़” “भटूरे मम्मा और पापा बना देंगे, तब तक आप छोटी बाबु को सुला लेना, फिर मिल कर खाएँगे” … Read more

बेटा-बेटी होत न एक समाना – डा. पारुल अग्रवाल

पापा के जाने के बाद, जायदाद को लेकर दोनों भाई में झगड़े होने शुरू हो गए। सब अपनी दुनिया में खुश था,कोई अकेला रह गया था तो वो थी मां। दोनों भाई में से मां को कोई रखने को तैयार नहीं था जबकि रचना हमेशा से चाहती थी कि मां उसके साथ रहें। पापा के … Read more

ऑल इज़ वैल – नीरजा कृष्णा

खाना खाते खाते अचानक मोनू ऐसे चौंका मानो जबर्दस्त करेंट लगा हो,”अरे मम्मा! आज दादी से बात हुई या नही? आज काम के प्रैशर में आप भी भूल गई ना।” वो भी कस कर घबड़ाई,” अरे सुनिए, आपको तो जैसे कोई मतलब नही है! आज मम्मी पापा को फोन नही किया, बहुत चिंता कर रहे … Read more

बरसात की वो रात – गरिमा जैन 

बाहर बहुत तेज बरसात हो रही थी। बिजली इतनी तेज चमकती कि रूह कांप जाए। बड़े-बड़े खुले खेत पर अक्सर बिजली गिर जाया करती थी ।रीमा बिजली चमकने से बहुत डरती थी कितने ही लोगों की जान वहां बिजली गिरने की वजह से जा चुकी थी ।आज फिर से मौसम बहुत खराब था। रीमा कैंडल … Read more

आखिर क्यूँ ? – सरला मेहता

विभा मध्यमवर्गीय परिवार की सर्वगुण संपन्न बेटी है। प्रारम्भ से ही प्रतिभाशाली रही विभा ने इस वर्ष बी ए की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। पिता गुप्ता जी सेवानिवृत्ति के पूर्व उसके हाथ पीले करना चाहते हैं। ताकि दो छोटी बेटी को भी शिक्षित कर  सके। संयोग से उन्हें अच्छी हैसियत वाले एक … Read more

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