सूरज – भगवती सक्सेना गौर 

14 वर्षीय पोते सूरज की आवाज़ से नींद टूटी, “बाबा, उठिए, ब्रश करिए।” और  70 वर्षीय सत्येंद्र ने आंख खोली अब अपनी जिंदगी से हताश हो चुके सत्येंद्र पोते के लिए जीवित थे। वो जीना भी एक सजा ही मालूम होती थी. धरती नही समा पायी, तो बिस्तर ने ही अपने कब्जे में कर लिया। … Read more

दर्द – भगवती सक्सेना गौड़

एक उम्र गुजरने के बाद उस उम्र की यादे कभी कभी अचानक सामने आकर आश्चर्य में डाल देती है । वो दर्द की पराकाष्ठा ही थी, इसलिए उन यादों से शकुन दूर ही रहना चाहती थी । 45 साल पुराना वक़्त, जब शकुन 15 वर्ष की रही होगी, पड़ोस में उसकी सहेली शिखा रहती थी, … Read more

लिव इन रिलेशनशिप बनाम शादी – रेखा पंचोली

वे नारीवादी लेखक थे ।महान लेखक बनना चाहते थे, और एक ऐसी ही तथाकथित नारीवादी फेमिनिस्ट लड़की के प्यार में पड़ गए। दोनों प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहे थे ।पर कुछ खास सफलता नहीं मिली । वे अपनी कविता और लेखन के जरिए नारीवाद पर वाहवाही लूटते थे। लड़की शादी के बंधन में बंधना नहीं जाती … Read more

माँ जी….!! – विनोद सिन्हा “सुदामा”

आहहह….अताह दर्द से तड़पती हुई  “कौशल्या देवी”  जिन्हें मैं माँ जी कहता था अपने रक्तयुक्त हाथ सीने पर रखे भरी भरी आंखों से मुझे देख रहीं थी. ..दर्द ही दर्द था उनकी आँखों में उसपल..जो आँसूओं का सैलाब..बन बाहर आ रहा था.. हालांकि पलकें मेरी भी भरी थी..दर्द मुझे भी था…आँसू रुकने का नाम नहीं … Read more

डांसर – प्रीती सक्सेना

फेस बुक ऐसा जादू का पिटारा है, ऐसा जिन्न है, जिसमे सब कुछ है, जो चाहो वो निकाल लो , बस इसी कोशिश मे हमने अपनी दो सहेलियां ढूंढ ली जो ग्यारहवीं क्लास से BA तक हमारी सहपाठी थी, फिर क्या हम सब लग गए, और सहेलियों को ढूंढने में, कुछ एक मिल भी गईं, … Read more

प्रेम मिलन – रीमा महेन्द्र ठाकुर

जब किसी को किसी से प्रेम होता है, तो बाकी रिश्ते उसके लिए मायने नहीं रखते “जब दिलो के तार जुडते हैं, सब बेमानी लगता है सिवा, उसके जिससे रूह जुडी हो “””” अलका “प्रभास की आँखों की गहराई मे कुछ ढूढँने लगी,  क्या हुआ अकू, प्रभास अलका को प्यार से अकू बोलता था। मै … Read more

अन्तर्मन की गांठ – पुष्पा जोशी 

सूर्यास्त का समय था। सूर्य की लालिमा क्षितिज पर छाई हुई थी। फूलों की सुगंध से वातावरण सुगंधित हो रहा था। पक्षी कोलाहल करते हुए आसमान में उड़ रहे थे। रंग-बिरंगे मेघ अठखेलियां कर रहे थे। मनमोहक वातावरण था,मगर अवनी के मन में बेचैनी थी। जब अंतर्मन उलझा हो, तो बाह्य सारे उपकरण बेमानी लगते … Read more

अड़चनें – सीमा बत्रा

सरिता ने जैसे ही  अपना फ्लैट खोला तो  अंधेरा पसरा हुआ था । रोज तो मंदिर वाले कमरे की लाइट जलती छोडकर जाती है।  पर लगता है, आज जल्दी जल्दी में वो भी बंद कर दी थी । यही सोचते हुए सरिता ने अपने मोबाइल की टार्च जलाकर कमरे के कमरे के स्विच बोर्ड की … Read more

ख्वाहिश – सीमा बत्रा

“तुम मुझे खिलाओ, मुझसे गिर जाता है न ,फिर ड्रेस गंदी हो जाएगी तो मम्मा गुस्सा होगी”। 23-24 साल की लड़की के मुँह से ये बात सुन ट्रेन में आस पास बैठे लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। उन लोगों में मैं भी एक था। ट्रेन के सैंकड क्लास ए.सी. कोच में बच्चे नहीं … Read more

बॉडी शेमिंग – अनुपमा

संध्या बहुत सुंदर थी , घर मैं सब लोग उसे कहते है आपकी तरह परफेक्ट कोई भी नही है । सही लंबाई , सही आकार और सुंदर चेहरा और बाल साथ ही सर्वगुण संपन्न , ये है संध्या का परिचय , नई नई शादी हुई थी ,सब खूब तारीफ करते संध्या की । उसका पति … Read more

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