आशीर्वाद या श्राप ” ये मेरा सच है – रचना कंडवाल
आज कहानी की शुरुआत मैं जयनारायण दीक्षित अपने आप से कर रहा हूँ। मैं एक बेहद प्रसिद्ध बिजनेस मैन हूँ। मेरी गिनती शहर के नामचीन लोगों में होती है। उम्र पचपन साल पर लोग मुझे स्मार्ट व हैंडसम कहते हैं। अब मेरे परिवार से मिलिए मेरी बीवी सुनीता दीक्षित व बेटी मुग्धा। मुग्धा छब्बीस साल … Read more